रायबरेली-स्वामी चिदरुपानंद जी ने दूसरे दिन भी चिन्मय विद्यालय में की अमृत-वर्षा,,,,,

रायबरेली-स्वामी चिदरुपानंद जी ने दूसरे दिन भी चिन्मय विद्यालय में की अमृत-वर्षा,,,,,
रायबरेली-स्वामी चिदरुपानंद जी ने दूसरे दिन भी चिन्मय विद्यालय में की अमृत-वर्षा,,,,,

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रिपोर्ट-सागर तिवारी

   ऊंचाहार-रायबरेली-एन टी.पी सी ऊँचाहार परिसर में स्थित चिन्मय विद्‌यालय में स्वामी  चिदरुपानंद , आचार्य चिन्मय मिशन नोएडा ने अपने - त्रिदिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए सफलता के  मार्ग को आलोकित किया ।  सफलता प्राप्ति के लिए उन्होंने लक्ष्य को  सदैव मस्तिष्क में धारण करने,जागरूकता, सकारात्मक उद्देश्य और प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल दिया । . कक्षा दसवीं और बारहवीं के छात्रो को  एकाग्रता विकसित करने के गुर सिखाते हुए स्वामी जी ने कहा कि विषयो को बोझ न समझ कर उनसे प्यार


 करो , अंकों के लिए नही; ज्ञान के लिए पढ़ो, अति का बोलना, अति निद्रा और भोजन में अति त्याग करने से एकाग्रता बढ़ती है | स्वामी जी ने छात्रो को विषय सामग्री कंठस्थ न कर, हृदयस्थ करने के लिए प्रोत्साहित किया ।  सफलता की गाड़ी को लक्ष्य तक पहुँचाने के लिए उन्होंने आत्मविश्वास और प्रेरणा रूपी पैट्रोल के  निरंतर  प्रवाह  की आवश्यकता पर भी बल दिया ।


अपराह्न में विद्यालय के शिक्षको के परिवारवालों को संबोधित कर उन्होंने जीवन में स्वास्थ्य के महत्त्व को प्रकाशित किया । उन्होने जीवन शैली से संबंधित बीमारियो विशेषकर मधुमेह और रक्तचाप से बचने के लिए दिन में केवल दो बार भोजन करने की सलाह दी । उन्होंने बच्चो में शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ -साथ संस्कारों के बीजारोपण को महत्त्वपूर्ण स्थान दिया । इसके लिए उन्होंने माता-पिता को अपने व्यवहार द्वारा बच्चो को प्रोत्साहित करने को कहा । उन्होंने सभी को प्रातः काल जल्दी उठने के लाभों से अवगत कराया ।
    इसी क्रम में संध्या समय दीप प्रज्ज्वलन के साथ अभिभावकों के लिए सत्र का शुभारंभ हुआ। विद्यालय के छात्रों ने स्वागत गीत गाकर स्वामी जी और अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया |स्वामी जी ने इस सत्र का प्रारंभ ज्ञान भक्ति और प्रेरणा से ओत प्रोत कहानी से किया । भक्त प्रहलाद की कहानी के माध्यम से उन्होंने बताया कि शील ही , धर्म, सत्य , सदाचार , बल और लक्ष्मी का आधार है । अतः शील (चरित्र) की सदैव रक्षा करनी चाहिए । स्वामी जी ने अभिभावकों के प्रश्नों के उत्तर देते समय बताया कि उन्हें अपने बच्चों के साथ खुल कर चर्चा करनी चाहिए और किसी कार्य को करने या न करने का निर्देश देते समय उन्हे उसका कारण अवश्य बताना चाहिए अंत में प्राइमरी हेड श्रीमती शीबा टी .के  धन्यवाद ज्ञापन के साथ सत्र का समापन हुआ।