Janmashtami को रात 12 बजे करें ये 5 काम, श्रीकृष्ण के आशीर्वाद से हर इच्छा होगी पूरी!

Janmashtami को रात 12 बजे करें ये 5 काम, श्रीकृष्ण के आशीर्वाद से हर इच्छा होगी पूरी!
Janmashtami को रात 12 बजे करें ये 5 काम, श्रीकृष्ण के आशीर्वाद से हर इच्छा होगी पूरी!

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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हिंदू धर्म में बेहद शुभ माना जाता है। इसे हर साल काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी चन्द्र-सौर हिन्दू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है, जो आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार अगस्त या सितंबर में आती है।

हालांकि इस साल जन्माष्टमी को लेकर काफी भ्रम की स्थिति है। 26 और 27 अगस्त की परस्पर विरोधी तिथियां हैं। ज्योतिर्विद् डॉ. त्रिलोकीनाथ के मुताबिक कृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद के कृष्ण पक्ष के दौरान अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र में पड़ती है। ऐसे में अष्टमी तिथि 26 अगस्त को सुबह 03:39 बजे शुरू होगी और 27 अगस्त को सुबह 02:19 बजे समाप्त होगी, जबकि रोहिणी नक्षत्र 26 अगस्त को दोपहर 03:55 बजे शुरू होगा और 27 अगस्त को दोपहर 03:38 बजे समाप्त होगा। इस तरह से कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी।

जन्माष्टमी 2024: कृष्ण जन्माष्टमी व्रत पर शुभ मुहूर्त
- रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ: 26 अगस्त को 03:55 अपराह्न,

- रोहिणी नक्षत्र समाप्त: 27 अगस्त को 03:38 अपराह्न

- पारण समय: 27 अगस्त को 12:11 पूर्वाह्न

- निशिता मुहूर्त पूजा समय: 26 अगस्त 11:26 अपराह्न से 27 अगस्त 12:11 पूर्वाह्न तक

यह त्योहार काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता
जन्माष्टमी भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान कृष्ण के जन्म के सम्मान में मनाया जाता है। भक्त उनके जन्म के सम्मान में उपवास रखते हैं, भक्ति गीत गाते हैं और पूजा करते हैं। जन्माष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी, गोकुलाष्टमी, श्रीकृष्ण जयंती और कृष्णाष्टमी जैसे विभिन्न नामों से भी जाना जाता है। वैसे तो यह त्योहार पूरी दुनिया में काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन मथुरा और वृंदावन में इसका उत्सव विशेष आकर्षण रखता है, क्योंकि ये दोनों पवित्र शहर कृष्ण के जन्म और उनके प्रारंभिक जीवन से गहराई से जुड़े हुए हैं। भगवान कृष्ण का जीवन और शिक्षाएं प्रेम, करुणा और आध्यात्मिक विकास का प्रतीक हैं।भगवान कृष्ण हिंदू धर्म में सर्वोपरि महत्व रखते हैं, उन्हें भगवान विष्णु के अवतार और प्रेम और ज्ञान के दिव्य अवतार के रूप में पूजा जाता है।

डिसक्लेमर
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