नियम कायदे कानून को नहीं मानता है रायबरेली का एआरटीओ विभाग
रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)
मो-8573856824
रायबरेली-नए सत्र में स्कूल खुल गए हैं लेकिन इनके संचालकों ने 120 से अधिक वाहनों का फिटनेस नहीं करवाया है। अनफिट वाहनों से रोजाना बच्चों को स्कूल लाया जा रहा है। एआरटीओ ने स्कूली वाहनों का फिटनेस न करवाने तक पंजीयन को निलंबित करने की चेतावनी दी है।
सभी को सात दिन में वाहनों को फिट करवाने के आदेश भी दिए गए हैं।
एआरटीओ कार्यालय में वर्तमान में करीब 950 से अधिक स्कूली वाहन पंजीकृत हैं। इसमें 120 से अधिक स्कूली वाहनों का लंबे समय से फिटनेस नहीं कराया गया। अनफिट वाहनों से बच्चों को स्कूल लाया और ले जाया जाता है। किसी भी दिन बच्चों के साथ बड़े हादसे की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता।
एआरटीओ ने ऐसे स्कूल संचालकों को नोटिस देकर वाहनों के फिटनेस करवाने के आदेश दिए हैं। फिटनेस न करवाने तक वाहनों के पंजीयन को निलंबित किया जाएगा। सड़क पर ऐसे वाहनों का संचालन मिलने पर उन्हें सीज करने के साथ ही संबंधित स्कूल संचालकों पर मुकदमा के भी निर्देश दिए हैं।
स्कूली वाहनों में इन नियमों का पालन जरूरी
-सुप्रीम कोर्ट की गॉइडलाइन के अनुसार, स्कूली बस या अन्य वाहन पीले रंग से पेंट होनी चाहिए। साथ ही बस के आगे व पीछे ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा हो।
-सभी खिड़कियों के बाहर लोहे की ग्रिल होनी चाहिए। बस में अग्निशमन यंत्र लगा हो, जिससे आग लगने की स्थिति में तत्काल कार्रवाई हो सके। स्कूल बस के पीछे स्कूल का नाम और फोन नंबर लिखा होना चाहिए।
-दरवाजे में ताला लगा हो और सीटों के बीच पर्याप्त जगह होनी चाहिए। इसके आलावा चालक को कम से कम पांच साल का वाहन चलाने का अनुभव हो।
-ड्राइवर के पास लाइसेंस और ट्रांसपोर्ट परमिट होना चाहिए।
वही जब इस बात किया गया तो एआरटीओ प्रवर्तन अंबुज ने बताया है की स्कूल संचालकों को सात दिन में वाहनों के फिटनेस करवाने के निर्देश दिए गए हैं। अनफिट वाहनों से स्कूली बच्चों का परिवहन किया जाना दंडनीय अपराध है। किसी भी अप्रिय घटना के होने पर ऐसे विद्यालय के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया जाएगा।



