रायबरेली-सूखे पड़े है सब तालाब, प्यास बुझाने को तड़प रहे बेजुबान,,,,,,?

रायबरेली-सूखे पड़े है सब तालाब, प्यास बुझाने को तड़प रहे बेजुबान,,,,,,?

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रिपोर्ट-सागर तिवारी 

ऊंचाहार-रायबरेली-वित्तीय वर्ष में जल संचय को लेकर सरकार द्वारा 50 आदर्श तालाबों समेत तीन अमृत सरोवरों का निर्माण कराया जा चुका है। सूखे पड़े इन तालाबों से बेसहारा पशु पक्षियों की प्यास बुझाने को पानी नहीं है। सिंचाई विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। जिसको लेकर प्यास से व्याकुल पशु पक्षी बेजान हो रहे हैं।
          विकासखंड के अंतर्गत 54 ग्राम सभाएं हैं। इन ग्राम सभाओं के राजस्व अभिलेखों में 609 तालाब दर्ज है। जल संचय को लेकर वित्तीय वर्ष में 50 तालाबों की सफाई व खुदाई के नाम पर एक करोड 88 लाख 92 हजार रुपए की भारी भरकम राशि खर्च हो चुकी है। वित्तीय वर्ष में 12 आदर्श तालाबों समेत आठ अमृत सरोवरों का निर्माण कार्य चल रहा है। फिर भी मछली पालन वाले तालाबों को छोड़कर सारे तालाब सूखे पड़े हैं। एसे में खेती के साथ-साथ पशुपालन का कार्य करने वाले किसानों के लिए पानी की समस्या बनी हुई है। सिंचाई विभाग द्वारा गत चार महीने से नहरों में पानी नहीं छोड़ा गया। जून महीने में भी ऊंचाहार रजबहा से धूल उड़ रही है। पानी ना आने से किसानों की धान की नर्सरी पिछड़ रही है। मुंडी पुर निवासी किसान राममोहन तिवारी, राजेश कुमार, टोनी, शिव मोहन, राम राम अभिलाष पचखरा निवासी रामकिशोर ओझा, राम करन, राजनरायन, कमलाकांत पाठक आदि किसानों का कहना है कि नहर में पानी ना आने से धान की बेड़न डालने को समस्या बनी हुई है। यदि निजी नलकूप  के सहारे धान की नर्सरी डाल भी दी जाए तो इस भीषण गर्मी में बचाना मुश्किल है। किराए पर नलकूप की सिंचाई डेढ़ सौ रुपए प्रति घंटा है। नहरों में पानी छोड़ने के साथ सूखे पड़े तालाबों में पानी भरवाने को स्थानीय प्रशासन व सिंचाई विभाग से लगातार मांग की जा रही है। लेकिन जिम्मेदार समस्याओं से बेखबर हैं। नतीजा आसमान से बरसते अंगारों व 45 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच प्यास बुझाने को निराश्रित मवेशियों का झुंड तालाबों व नहरों के इर्द-गिर्द घूमते रहते हैं। वहीं पानी के अभाव में पक्षी दम तोड़ रहे हैं। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता हेमंत कुमार वर्मा ने बताया कि अगले सप्ताह नहर में पानी छोड़ा जाएगा। जिसके बाद तालाबों की भराई भी कराई जाएगी।