रायबरेली- फिर लगा रोहनिया बिडीओ पर 25 हजार का जुर्माना जाने कैसे और क्यों,,,?

रायबरेली- फिर लगा रोहनिया बिडीओ  पर 25 हजार का जुर्माना जाने कैसे और क्यों,,,?

-:विज्ञापन:-




रिपोर्ट-सागर तिवारी




ऊंचाहार- रायबरेली- उत्तर प्रदेश सूचना आयोग में रोहनिया बीडीओ पर एक बार फिर 25000 रुपए का अर्थ दण्ड लगाया है। यह कार्रवाई वांछित सूचना उपलब्ध न कराने सूचना आयोग द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी करने बाद भी कोई प्रतिक्रिया मिलने की गई है। अगली पेशी पर हाजिर न होने पर प्रतिदिन अर्थ दण्ड से दण्डित करने का आदेश है। 
      यह मामला ऊंचाहार क्षेत्र के विकास खण्ड रोहनिया का है। कमलापुर गाँव निवासी राजकुमार सिंह ने गाँव में हुए विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत बीडीओ से सूचना मांगी थी। कोई सूचना न मिलने पर प्रथम अपील और फिर द्वितीय अपील किया फ़िर भी सूचना वांछित होने पर राजकुमार सिंह ने उत्तर प्रदेश सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया और अपील दायर कार दिया। उत्तर प्रदेश सूचना आयोग ने मामले का संज्ञान लेते हुए तमाम प्रक्रिया पूरी की। बावजूद इसके बीडीओ ने अपीलकर्ता राजकुमार सिंह को न ही सूचना उपलब्ध कराई और न ही कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया और न ही आयोग के समक्ष पेश हुए। इसपर आयोग ने अपीलकर्ता को सूचना को उपलब्ध न कराने का दोषी मानते हुए नियत पेशी 7 जुलाई को को 25000 रुपए का जुर्माना लगाया है। साथ ही मुख्य विकास अधिकारी को आदेश देते हुए आख्या मांगी है कि बीडीओ ने पीड़ित को क्यों उपलब्ध न कराई इसका कारण क्या है। आयोग की इस कार्रवाई से विभाग में सनसनी फैल गई है। 
यह कोई पहली बार नहीं है जब बीडीओ पर उत्तर प्रदेश सूचना आयोग का जुर्माना लगा है। इसके पूर्व भी बीते 19 जून को आयोग ने रोहनिया बीडीओ पर 25000 रुपए का अर्थ दण्ड लगाया है। 
उत्तर प्रदेश सूचना आयोग कि इस कार्रवाई से उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही अपीलकर्ता को वांछित सूचना मिल सकती है। जहां एक ओर इस कार्रवाई से विभाग में सनसनी फैली है तो वहीं जनमानस में कानून पर भरोसा भी बढ़ा है।