लखनऊ नगर निगम ने गृह कर वसूली में 10 वर्षों का तोड़ा रिकार्ड, अरबों की हुई वसूली!

लखनऊ– नगर निगम ने गृह कर मद में विगत दस वर्षो में सर्वाधिक वसूली का रिकार्ड स्थापित किया. नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह ने लखनऊ वासियों को अबतक का सर्वाधिक गृहकर जमा करने के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि लखनऊ नगर निगम स्वयं के स्रोतों से प्राप्त होने वाली आय में निरन्तर सुधार एवं वृद्धि हेतु प्रतिबद्ध है. नगर निगम का सामान्य कर (गृहकर) राजस्व आय का मुख्य एवं महत्वपूर्ण स्रोत है. गृहकर से संबंधित कम्प्यूटरीकरण एवं नागरिकों की सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में निरन्तर सुधार व विकास किया जाता रहा है.
वर्तमान में गृह करदाताओं हेतु बकाया गृह कर का एसएमएस अलर्ट, मोबाइल पर भुगतान लिंक सहित ई-बिल व पेटीएम एप एव यूपीआई द्वारा कर भुगतान डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं. नगर आयुक्त द्वारा गृहकर की वसूली में वृद्धि हेतु निरन्तर प्रतिदिन आय की समीक्षा, अनावासीय भवनों के गृहकर की वसूली पर विशेष प्रयास, बड़े एवं शासकीय बकायेदारों से अधिक प्रभावी तरीके से वसूली तथा अन्य योजनाबद्ध प्रयासों के फलस्वरूप गत वर्षों की अपेक्षा गृहकर की आय में निरन्तर नियमानुसार वृद्धि हुई है.
जानें कब कितना गृह कर वसूला गया
2013-14- 107.98 करोड़
2014-15- 130.14 करोड़
2015-16- 150.44 करोड़
2016-17- 192.26 करोड़
2017-18 177.02 करोड़
2018-19 234.16 करोड़
2019-20 208.21 करोड़
2020-21 270.84 करोड़
2021-22 290.08 करोड़
2022-23 341.36 करोड़
उपरोक्त से स्पष्ट है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में गत वर्ष के सापेक्ष लगभग रु. 51.28 करोड़ की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में लखनऊ नगर निगम द्वारा 5,39,107 आवासीय व 69,567 अनावासीय भवन मिलाकर कुल 6,08,674 भवन के सापेक्ष कुल 3,65,667 भवनों से भुगतान प्राप्त किया गया. जो गत वर्ष में भुगतान प्राप्त भवन संख्या 3,15,290 के सापेक्ष 50,377 अधिक है. बड़े बकायेदारों से वसूली हेतु प्रतिष्ठानों/भवनों को सील करने का अभियान भी चलाया गया. जिसमें लगभग 6197 भवन सील किए गए. जिससे काफी अधिक लम्बित धनराशि मौके पर वसूल करने में सहायता मिली.
गृहकर भुगतान की दिशा में डिजिटाइजेशन संबंधी नीति के अंतर्गत डिजिटल भुगतान व्यवस्था पर बल देते हुए गृह कर जमा कराया गया जो निम्नलिखित आंकड़ो से परिलक्षित होता हैः- धनराशि करोड़ में
ऑनलाइन बैंकिंग- 96076 – रु. 26.29
पेटीएम- 21477 – रु. 5.77
आरटीजीएस- 352 – रु. 27.03
एनईएफटी- 619 – रु. 69.61
कुल 1,18,524 – रु. 128.70
डिजिटल माध्यम का प्रकार – वर्ष 2022-23 में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन संख्या – धनराशि करोड़ में
ऑनलाइन बैंकिंग 1,11,130 – रु. 34.83
पेटीएम 25,475 – रु. 9.37
आरटीजीएस 565 – रु. 44.26
एनईएफटी 761 – रु. 47.91
कुल 1,37,931 – रु. 136.37
डिजिटल माध्यमों के प्रयोग में 16.37 प्रतिशत की वृद्धि एवं उससे जमा धनराशि 6.00 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस प्रकार कुल धनराशि का 40.16 प्रतिशत डिजिटल माध्यम से भुगतान प्राप्त हुआ. नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह द्वारा लखनऊ नगर के भवन स्वामियों को अधिकतम संख्या में गृहकर जमा करने पर धन्यवाद ज्ञापित किया है.



