CM योगी ने किया ग्रेटर गाजियाबाद बनाने का ऐलान, इन नगर पालिकाओं को किया जाएगा शामिल

CM योगी ने किया ग्रेटर गाजियाबाद बनाने का ऐलान, इन नगर पालिकाओं को किया जाएगा शामिल

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को गाजियाबाद के लिए एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि ग्रेटर गाजियाबाद के गठन की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी. इसके तहत लोनी, खोड़ा मकनपुर और मुरादनगर नगर पालिकाओं को गाजियाबाद नगर निगम (जीएमसी) में शामिल किया जाएगा.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जो गुरुवार को गाजियाबाद के दौरे पर आए थे उन्होंने सार्वजनिक प्रतिनिधियों से बैठक के बाद कहा कि यह सही समय है जब शहर का दायरा बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा कि ग्रेटर गाजियाबाद की योजना अब धरातल पर लाई जाएगी. वह यहां सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी सीईएल के डाटा सेंटर की आधारशिला रखने आए थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते आठ वर्षों में गाजियाबाद ने हर क्षेत्र में काफी तरक्की की है चाहे वह इंफ्रास्ट्रक्चर हो कानून-व्यवस्था हो या साफ-सफाई. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे रैपिड रेल और हिंडन सिविल टर्मिनल जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स यहां पूरे हो चुके हैं. अब वक्त आ गया है कि शहर की सीमाएं बढ़ाई जाएं ताकि और बेहतर सुविधाएं लोगों तक पहुंच सकें.

गैंगवार्स और अपराध के लिए जाना जाता था गाजियाबाद- सीएम योगी

सीएम योगी ने कहा कि एक वक्त था जब गाजियाबाद को गैंगवार्स और अपराध के लिए जाना जाता था. लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल चुके हैं, शहर अब विकास का उदाहरण बन चुका है.

पिछले साल अगस्त में राज्य मंत्रिपरिषद ने ग्रेटर गाज़ियाबाद के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. लेकिन इस प्रस्ताव में कहा गया था कि लोनी और खोड़ा मकनपुर के नगर पालिकाओं को निगम में मिलाने से सभी क्षेत्रों का समुचित विकास होगा. इसमें सड़क, पानी, सीवर, बिजली और व्यापार में सुविधा के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे.

नगर निगम अधिकारियों के अनुसार ग्रेटर गाजियाबाद का गठन दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद रहेगा. चूंकि गाजियाबाद दिल्ली एनसीआर का हिस्सा है ऐसे में यह विस्तार न केवल सुविधाओं को बेहतर करेगा बल्कि भविष्य की आबादी को भी बेहतर जीवनशैली देगा.

ग्रेटर नोएडा तर्ज पर बनेगा ग्रेटर गाजियाबाद

ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर फरीदाबाद की तर्ज पर अब गाजियाबाद भी ग्रेटर बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है. राज्य सरकार का उद्देश्य है कि एनसीआर में शामिल सभी शहरों को भविष्य की जरूरतों के अनुसार विकसित किया जाए ताकि यातायात, आवास, रोजगार और बुनियादी ढांचे का संतुलित विकास हो सके.