रायबरेली-हाई कोर्ट की दरकिनार कर हो रही भूमि पैमाईश की कार्रवाई

रायबरेली-हाई कोर्ट की दरकिनार कर हो रही भूमि पैमाईश की कार्रवाई

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रिपोर्ट-सागर तिवारी 

 ऊंचाहार-रायबरेली- तहसील में जमीन का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें दबंगो द्वारा प्रशासन पर दबाव बनाकर जमीन की हक बरारी की जा रही है जबकि पीड़ित पक्ष की तरफ से कहा गया है उसकी जमीन का मामला हाई कोर्ट में पेंडिंग है जिसमें विपक्षियों को कोर्ट द्वारा तलब भी किया गया है।
पीड़ित धर्मेश बहादुर सिंह पुत्र स्वर्गीय शत्रोहन सिंह निवासी ग्राम पुरे लाल सिंह मजरे सुदामापुर परगना डलमऊ तहसील ऊंचाहार ने बताया कि उनके सगे भाई ने अवैध तरीके से उनकी जमीन को नागेंद्र सिंह को बेच दिया। 
 उप जिलाधिकारी को लिखे गए पत्र में पीड़ित ने बताया की उसकी वरासत की जमीन पर उसका कब्जा था। लेकि  अब विपक्षी दबंग लोग प्रशासन पर दबाव बनाकर जबरजस्ती हकबरारी करवा रहे हैं। जबकि उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ की तरफ से दाखिल रिट याचिका को उप जिलाधिकारी को प्रेषित किया गया है। पीड़ित ने बताया कि उसकी मूल वाद संख्या 758/2025 में विपक्षी पार्टी नागेंद्र सिंह आदि को कोर्ट द्वारा 18 जुलाई 2025 को कोर्ट में प्रस्तुत होने का आदेश दिया गया था। लेकिन वह हाजिर नही हुए। 19 व 20 जुलाई को उच्च न्यायालय में अवकाश होने के कारण वह कापी नहीं मिल पाई जिसके लिए उन्होंने उप जिलाधिकारी से दो दिन का समय मांगा है। उनकी भूमि गाटा संख्या 1446बरकबा 1.713 हेक्टर ग्राम सुदामापुरी परगना डलमऊ तहसील ऊंचाहार पर पत्थरगढ़ी की कार्रवाई को रोका जाए। पीड़ित ने बताया कि क्योंकि यह मामला कोर्ट में पेंडिंग है और सटे के लाने का आदेश कोर्ट द्वारा दिया जाना है। इसके बाबत विपक्षी नागेंद्र सिंह को सम्मन नोटिस भेजे जा चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद विपक्षी पार्टी प्रशासन पर दबाव बनाकर कल रविवार को उनकी भूमि पर पत्थर गढ़ी की कार्रवाई करवाकर कब्जा करना चाहते हैं। 
पीड़ित धर्मेश बहादुर सिंह ने बताया कि विपक्षी लोग दबंग किस्म के हैं। वह उस पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बना रहे हैं और यह भी कह रहे हैं कि यदि तुमने मुकदमा वापिस नहीं लिया तो तुम्हारी हत्या भी करवा दी जाएगी। यह लोग मेरे घर और ससुराल तक दबाव बन रहे हैं। मेरे परिवार में बच्चे सहमे हुए हैं। मैंने मुख्यमंत्री को भी अपना शिकायती पत्र प्रेषित किया है। मैंने सभी अधिकारियों को जा जाकर अपनी समस्या बताइ लेकिन मुझे न्याय नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि करीब यह सात से आठ बीघा की जमीन में तीन बीघा का हिस्सा उनका खुद का है। उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी तरह से जांच करके प्रशासन हमें न्याय दे।