रायबरेली में नगर पंचायत अध्यक्ष के प्रणाम पत्रों की जांच हुई शुरू,जानिए कौन है नगर पंचायत अध्यक्ष?
रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)
मो-8573856824
रायबरेली-नगर पंचायत सलोन के अध्यक्ष चंद्रशेखर रस्तोगी व परिवार के दो अन्य लोगों के पिछड़ी जाति के निरस्त किए गए प्रमाणपत्रों की जांच मंडलायुक्त ने शुरू कर दी है। मामले में उन्होंने 27 जुलाई को डीएम, पिछड़ा वर्ग के उप निदेशक व सांख्यिकीय अधिकारी को बुलाया है, जिससे निर्णय लिया जा सके।
डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी ने वर्ष 2014 में जारी किए गए जाति प्रमाणपत्रों को निरस्त कर दिया था, जिसके बाद नगर पंचायत अध्यक्ष ने आदेश के खिलाफ मंडलायुक्त के यहां अपील की है। सलोन निवासी ओम प्रकाश व अन्य लोगों ने तहसीलदार को शिकायती पत्र देकर नगर पंचायत अध्यक्ष के पिछड़ी जाति के प्रमाणपत्र पर आपत्ति जताते हुए जांच कराकर कार्रवाई की मांग की थी।
मामले में डीएम हर्षिता माथुर की अध्यक्षता में तत्कालीन एडीएम वित्त एवं राजस्व पूजा मिश्रा, तत्कालीन एसडीएम सलोन आशुतोष राय, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी मोहन त्रिपाठी की टीम ने गुणदोष के आधार पर मामले की जांच की थी। जांच के बाद कमेटी ने 23 सितंबर 2014 को नगर पंचायत अध्यक्ष चंद्रशेखर रस्तोगी पुत्र रामलखन रस्तोगी के नाम पिछड़ी जाति का जारी प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया था।
इसके अलावा मनोज कुमार रस्तोगी को 15 जुलाई 2014 को जारी पिछड़ी जाति के प्रमाणपत्र और निधि रस्तोगी के नाम 30 अगस्त 2014 को जारी पिछड़ी जाति के प्रमाणपत्र को भी निरस्त कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ नगर पंचायत अध्यक्ष ने मंडलायुक्त का दरवाजा खटखटाकर अपील की।
अपील के बाद मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने मामले की जांच शुरू कर दी है। मामले में निर्णय लेने के लिए मंडलायुक्त ने आगामी27 जुलाई को डीएम रायबरेली के अलावा पिछड़ा वर्ग के उप निदेशक लखनऊ मंडल व लखनऊ मंडल के सांख्यिकीय अधिकारी को बुलाया है। 27 जुलाई को होने वाली बैठक में मंडलायुक्त अपील के संबंध में निर्णय लेंगी।



