रायबरेली-ग्राम पंचायत बहेरवा से एक सनसनी खेज मामला आया सामने, तहसील के जिम्मेदार अधिकारी करा रहे अवैध कब्जा,,,,,

रायबरेली-ग्राम पंचायत बहेरवा से एक सनसनी खेज मामला  आया सामने, तहसील के जिम्मेदार अधिकारी करा रहे अवैध कब्जा,,,,,

-:विज्ञापन:-




रिपोर्ट-सागर तिवारी



ऊंचाहार/रायबरेली- तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत बहेरवा से एक सनसनी खेज मामला सामने आया है। यहाँ बेखौफ भू-माफियाओं ने भूमि संख्या 433, 435 व 450 जो ऊसर, खेल कूद मैदान सार्वजनिक संपत्ति अंबेडकर पार्क को ही बेच डाला। पार्क की जमीन बकायदे प्लाटिंग की गई और उसके भूखण्ड को एक एक करके खुलेआम बेंच दिया गया और अब वहां मकान भी बन चुके हैं। यहां कुछ निर्माण अब शेष है जिसपर निर्माण कार्य अभी भी जारी है। हास्यास्पद बात यह है कि सनसनी खेज मामला स्थानीय प्रशासन को छोड़कर बाकी सभी को पता है।  लोगों का दबी जुबान तो यहाँ तक का कहना है कि हल्का लेखपाल और तहसीलदार की मिलीभगत से यह सारा खेल खेल जो रहा था। 

मामले ने तुल तब पकड़ लिया जब ग्रामीणों ने इसकी शिकायत एसडीएम से किया एसडीएम राजेश कुमार श्रीवास्तव में आए  और शिकायती पत्र के आधार पर एक जांच टीम गठित कर दी। बताते हैं कि यह टीम अब दोबारा से पूरे मामले की जांच कर रही है। प्रशासन का कहना है कि अवैध निर्माण को तत्काल प्रभाव से रुकवा दिया गया है और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। जिन लोगों ने अंबेडकर पार्क की जमीन पर कब्जा किया है, उनके निर्माण को ध्वस्त किया जाएगा।

लेकिन बड़ा सवाल बड़ा है कि क्या सार्वजनिक भूमि, वो भी संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर सुरक्षित अंबेडकर पार्क, कैसे बिक गई? क्या ग्राम पंचायत और राजस्व विभाग की मिलीभगत के बिना ऐसा संभव है? क्या तहसील और जिला प्रशासन को इस जमीन पर हो रहे निर्माण की भनक तक नहीं लगी? तो क्या जानबूझकर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के नाम सुरक्षित भूमि का सौदा करवा दिया गया? ऐसे तमाम सवाल हैं जिनका स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं है। फिलहाल देखना दिलचस्प होगा कि जांच में क्या तथ्य निकलकर सामने आते हैं और उसपर क्या कार्रवाई होती है। ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।