रायबरेली-गंगा एक्सप्रेस वे निर्माण एजेंसी के विरुद्ध भारी जनाक्रोश , गांव गांव हो रहा प्रदर्शन

रायबरेली-गंगा एक्सप्रेस वे निर्माण एजेंसी के विरुद्ध भारी जनाक्रोश , गांव गांव हो रहा प्रदर्शन

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रिपोर्ट-सागर तिवारी

रास्ते और जलनिकासी अवरुद्ध करने को लेकर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा 

ऊंचाहार -रायबरेली - गंगा एक्सप्रेस वे और एनएचएआई द्वारा किए जा रहे सड़क चौड़ीकरण में पूरे क्षेत्र की सूरत बदल दी है । गांव गांव गड्ढों , जलनिकासी अवरुद्ध करने और मार्गों की बदहाली को लेकर गांव गांव ग्रामीणों का गुस्सा फूट रहा है । लगातार हो रहे प्रदर्शन के क्रम में सोमवार की सुबह रोहनिया ब्लाक के कमालपुर गांव के लोगों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है ।
      गंगा एक्सप्रेस वे और एनएचएआई द्वारा राजमार्ग चड़ीकरण में पूरे क्षेत्र में खनन करके गांव गांव कुआं बना दिया गया है । उधर रोहनिया ब्लाक में पहले से ही किसानों की समस्या बनी बकुलाही झील के प्रवाह को एक्सप्रेस वे निर्माण में अवरुद्ध कर दिया गया है । दो दिन पहले पट्टी रहस कैथवल गांव में प्रधान प्रतिनिधि अनुज उपाध्याय द्वारा एनएचएआई द्वारा सार्वजनिक मार्ग बर्बाद करने को लेकर बड़ा अल्टीमेटम दिया गया था । उसके बाद रविवार को उमरन बाजार के पास एक्सप्रेस वे के ठेकेदार द्वारा जलनिकासी बंद किए जाने के विरुद्ध प्रधान प्रतिनिधि रणजीत सिंह के नेतृत्व में ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया था । दोनो स्थानों पर किसी तरह अधिकारियों ने ग्रामीणों को शांत करके समाधान खोजा था । इस बीच सोमवार को कमालपुर गांव के लोग एक्सप्रेस वे के ठेकेदार द्वारा जलनिकासी बंद किए जाने के विरुद्ध सड़क पर निकल आए और जमकर प्रदर्शन किया है । ग्रामीणों का कहना था कि जलनिकासी के लिए उन्होंने डीएम को प्रार्थना पत्र दिया था , इसके बावजूद कोई व्यवस्था नहीं की गई । जिसके कारण पूरे क्षेत्र के किसानों की फसल पानी में डूब चुकी है और गांव के अंदर पानी घुस रहा है । ग्रामीणों ने कई घंटे तक एक्सप्रेस वे निर्माण स्थल पर हंगामा काटा और निर्माण कार्य बंद करवा दिया है । ग्रामीणों का कहना है कि जबतक पानी के निकासी की व्यवस्था नहीं होगी , तब तक वह एक्सप्रेस वे का निर्माण नहीं करने देंगे । इस मौके पर प्रमुख रूप से गोपाल द्विवेदी , विष्णु पाण्डेय, रामलोचन सिंह , धर्मेंद्र पाण्डेय, अशोक द्विवेदी , दयाशंकर पाण्डेय , शिवशंकर पाल, हनुमान पाण्डेय , बब्बू , रामकिशुन , पुट्ठी साहू, लल्लू पासी आदि मौजूद थे ।