रायबरेली-18 साल से चल रहे मुकदमे से परेशान हूं,सुसाइड नोट लिखकर नदी में लगा दी छलांग

रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)
मो-8573856824
रायबरेली में शहर कोतवाली क्षेत्र में रहने वाले शख्स ने 18 साल से चल रहे मुकदमे से परेशान होकर बुधवार देर रात राजघाट सई नदी पुल पर बाइक खड़ी की और सुसाइड नोट रखकर नदी में कूद गया।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने अधेड़ की खोजबीन के लिए एनडीआरएफ की टीम बुलाई है। अधेड़ के द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
शहर के उत्तर दरवाजा मोहल्ले के रहने वाले 55 वर्षीय राजेंद्र शुक्ला उर्फ चंदू शुक्ला की बाइक बुधवार रात करीब 12 बजे राजघाट सई नदी पुल के पास खड़ी मिली। सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने बाइक के साथ अधेड़ का मोबाइल और उसके द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट बरामद किया है। अधेड़ के द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट में लिखा है कि वह करीब 18 साल से दीवानी कचहरी में चल रहे मुकदमे से परेशान होकर नदी में कूद कर खुदकुशी कर रहा हूं। इस मुकदमे में मोहल्ले की एक महिला का भी नाम है जो वह पूरी तरह से बेकसूर है।
18 साल से चल रहे मुकदमे को लड़ते-लड़ते वह थक चुका है। इससे परेशान होकर वह आत्महत्या करने जा रहा है। इसमें किसी का कोई दोष नहीं है। अधेड़ के द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट और बरामद किए गए मोबाइल के बाद पुलिस ने उसकी खोजबीन शुरू कर दी। गुरुवार की सुबह से लखनऊ से आई एनडीआरएफ की टीम सई नदी में अधेड़ की तलाश कर रही है। हालांकि अभी तक अंधेर का कोई सुराग नहीं लगा। वही अधेड़ के द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट और बरामद किए गए मोबाइल के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। कोतवाल शिव शंकर सिंह का कहना है कि बाइक और सुसाइड नोट व मोबाइल मिलने के बाद अधेड़ की तलाश सई नदी में की जार ही है। हालांकि एनडीआरएफ की टीम के हाथ कोई सुराग नहीं लगा।
2007 में दर्ज हुआ था दलित उत्पीड़न का मुकदमा
अंधेर के द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट को बरामद करने के बाद कोतवाली पुलिस ने जांच की तो पता चला की सुसाइड नोट लिखकर नदी में कूदने वाले अधेड़ के खिलाफ वर्ष 2007 में शहर कोतवाली में दलित उत्पीड़न का मुकदमा लिखा गया था। इसी मुकदमे को लेकर करीब 18 साल से चल रही सुनवाई को लेकर अधेड़ परेशान था। इस मामले में अभी अधिक जानकारी नहीं मिल पाई है लेकिन अधेड़ के द्वारा सुसाइड नोट में जरूर उल्लेख किया गया है कि इसी मुकदमे में एक महिला को भी फर्जी फसाया गया है जबकि वह पूरी तरह से बेगुनाह है।

