बिना FIR के दो दिन तक जंजीरों में बांधे रखा... सांसद की दखल के बाद मिली रिहाई, थाना प्रभारी सस्पेंड

बालासोर जिले से झकझोर देने वाला मामला सामने आया है. यहां भोगराई थाने में एक युवक को बिना किसी एफआईआर दर्ज किए दो दिन तक लोहे की जंजीरों में बांधकर रखा गया. पीड़ित को बाइक के लेनदेन को लेकर हुए विवाद के मामले में हिरासत में लिया गया था.
इस पूरे मामले की जानकारी तब सामने आई, जब कार्तिक की पत्नी ने स्थानीय भाजपा नेता अशीष पात्रा को मामले की सूचना दी. इसके बाद आशीष पात्रा ने यह मुद्दा बालासोर के सांसद प्रताप सारंगी तक पहुंचाया. गुरुवार को जब सांसद सारंगी भोगराई के दौरे पर पहुंचे तो उन्होंने खुद थाने जाकर कार्तिक की हालत देखी. थाने में पीड़ित के हाथ-पैर में बेड़ियां पड़ी थीं. उसे देखकर सांसद ने तुरंत बालासोर एसपी राज प्रसाद को वीडियो कॉल कर स्थिति की लाइव जानकारी दी.
MP के हस्तक्षेप के बाद तत्काल प्रभाव से कार्तिक को मेडिकल जांच के लिए भेजते हुए रिहा कर दिया गया. पुलिस अधिकारी ने सफाई देते हुए कहा कि थाने में स्टाफ की कमी के चलते उसे जंजीरों में बांधना पड़ा, लेकिन यह तर्क न तो सांसद के गले उतरा और न ही कानूनन जायज माना गया.
सांसद प्रताप सारंगी ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह पूरी तरह असंवैधानिक और अमानवीय कृत्य है. बिना जांच और बिना एफआईआर किसी व्यक्ति को इस तरह सजा देना पूरी तरह से गैरकानूनी है. उन्होंने बताया कि इस तरह की परंपरा पहले भी भोगराई थाना में देखने को मिली है, जिसे उन्होंने पहले भी उठाया था. घटना के गंभीर होते ही ओडिशा के डीजीपी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए थाना प्रभारी बलभ साहू को निलंबित कर दिया है. इस पूरे मामले को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं.



