विश्व डाक दिवस' का ‘पोस्ट फॉर पीपल, लोकल सर्विस ग्लोबल रीच’ थीम के साथ हुआ भव्य आयोजन*

विश्व डाक दिवस' का ‘पोस्ट फॉर पीपल, लोकल सर्विस ग्लोबल रीच’ थीम के साथ हुआ भव्य आयोजन*

-:विज्ञापन:-

रिपोर्ट-केशवानंद शुक्ला

*डाक विभाग न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी संचार और व्यापार में निभा रहा महत्वपूर्ण भूमिका- चीफ पोस्टमास्टर जनरल गणेश वी. सावलेश्वरकर*

*’विश्व डाक दिवस' का उद्देश्य लोगों के दैनिक जीवन, व्यापार और सामाजिक-आर्थिक विकास में डाक सेवाओं की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना-पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव*

भारतीय डाक विभाग द्वारा 'विश्व डाक दिवस' का आयोजन 9 अक्टूबर को भव्यता के साथ किया गया। इस वर्ष की थीम ‘पोस्ट फॉर पीपल – लोकल सर्विस, ग्लोबल रीच’ है, जो डाक सेवाओं की स्थानीय स्तर से लेकर वैश्विक स्तर तक की सशक्त भूमिका और प्रभावशीलता को उजागर करती है। विश्व डाक दिवस के अवसर पर गुजरात परिमंडल के चीफ पोस्टमास्टर जनरल श्री गणेश वी. सावलेश्वरकर ने ”भारतीय डाक: वित्तीय सशक्तिकरण अंतिम छोर तक” पर विशेष आवरण एवं विश्व डाक दिवस की थीम 'पोस्ट फॉर पीपल, लोकल सर्विस, ग्लोबल रीच' पर विशेष विरूपण, पोस्टमास्टर जनरल, उत्तर गुजरात परिक्षेत्र श्री कृष्ण कुमार यादव, महाप्रबंधक (वित्त) डॉ. राजीव कांडपाल, एवं निदेशक डाक सेवा श्री सुरेख रेघुनाथेन की उपस्थिति में जारी किया। साथ ही सुकन्या समृद्धि योजना, डाक जीवन बीमा, इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के लाभार्थियों को पासबुक व पॉलिसी बॉन्ड प्रदान किए गए। 

इस अवसर पर चीफ पोस्टमास्टर जनरल श्री गणेश वी. सावलेश्वरकर ने कहा, कि डाक विभाग न केवल स्थानीय स्तर पर संचार का सशक्त माध्यम रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ‘डाक सेवा जन सेवा’ के माध्यम से विभाग आमजन को पारंपरिक डाक सेवाओं के साथ-साथ वित्तीय सशक्तिकरण से जुड़ी सेवाएँ प्रदान करते हुए एक समर्पित सेवा केंद्र की भूमिका निभा रहा है। डाक विभाग पारंपरिक सेवाओं के आधुनिकीकरण के साथ डिजिटल समावेशन और नागरिक सुविधा के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। सामान्यजन से जुड़ाव के चलते ही इसे डाक 'घर' कहा जाता है, जहाँ आकर लोग घर जैसी आत्मीयता महसूस करते हैं। 

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि 'विश्व डाक दिवस' का उद्देश्य विश्व भर में लोगों के दैनिक जीवन, व्यापार और सामाजिक व आर्थिक विकास में डाक सेवाओं की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। 'एक विश्व-एक डाक प्रणाली' की अवधारणा को साकार करने हेतु 9 अक्टूबर, 1874 को 'यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन' की स्थापना बर्न, स्विट्जरलैंड में की गई, जिससे विश्व भर में एक समान डाक व्यवस्था लागू हो सके। भारत प्रथम एशियाई राष्ट्र था, जो कि 1 जुलाई 1876 को इसका सदस्य बना। कालांतर में वर्ष 1969 में टोकियो, जापान में सम्पन्न यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन कांग्रेस में इस स्थापना दिवस 9 अक्टूबर को 'विश्व डाक दिवस' के रूप में मनाने हेतु घोषित किया गया। ‘एडवांस्ड पोस्टल टेक्नोलॉजी 2.0’ के माध्यम से डाक विभाग ने अपनी सेवाओं को आधुनिक युग की गति और पारदर्शिता से जोड़ा है। यह पहल प्रौद्योगिकी, पारदर्शिता और सेवा गुणवत्ता के समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण है।

महाप्रबंधक (वित्त) डॉ. राजीव कांडपाल कहा कि डाक विभाग ने न केवल ऐतिहासिक परिवर्तनों को करीब से देखा है, बल्कि हर युग में आमजन के जीवन का अभिन्न हिस्सा बनकर समाज में अपनी प्रासंगिकता बनाए रखी है। डाक विभाग ने सदैव समय के साथ कदम मिलाते हुए, पारंपरिक सेवाओं को आधुनिक तकनीक से जोड़कर जनता के विश्वास और सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। वर्तमान दौर में डाक विभाग वित्तीय समावेशन एवं लोजिस्टिक्स सेवाओ में अपनी अग्रणी भूमिका निभा रहा है I

इस अवसर पर असिस्टेंट पोस्टमास्टर जनरल श्री शिवम त्यागी, प्रवर अधीक्षक, रेल डाक सेवा, अहमदाबाद श्री पियूष रजक, प्रवर डाक अधीक्षक, अहमदाबाद श्री चिराग मेहता, प्रवर डाक अधीक्षक, गांधीनगर श्री शिशिर कुमार, आईपीपीबी असिस्टेंट जनरल मैनेजर श्री रणवीर सिंह, चीफ मैनेजर श्री अभिजीत जिभकाटे, सहायक निदेशक श्री एम एम शेख, श्री वी एम वहोरा, श्री रितुल गाँधी  तमाम अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।