वोट के लिए मुफ्त में पत्नियां भी दे देंगे स्टालिन...', AIADMK सांसद के बयान पर मचा बवाल

वोट के लिए मुफ्त में पत्नियां भी दे देंगे स्टालिन...', AIADMK सांसद के बयान पर मचा बवाल

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एआईएडीएमके के राज्यसभा सांसद और पूर्व मंत्री सी.वी. षणमुगम ने महिलाओं को लेकर एक विवादित बयान दिया, जिसके लिए उनकी तीखी आलोचना हो रही है. उन्होंने महिलाओं की तुलना सरकारी मुफ्त योजनाओं से कर दी.

एआईएडीएमके की एक बूथ समिति प्रशिक्षण बैठक में षणमुगम ने डीएमके पर निशाना साधते हुए कहा, 'चुनावों के लिए कई घोषणाएं होंगी. मिक्सर, ग्राइंडर, बकरी, गाय मुफ्त में देंगे, और शायद हर व्यक्ति को मुफ्त में पत्नी भी दे दें.'

सी.वी. षणमुगम ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर निशाना साधते हुए कहा कि करुणानिधि के बेटे होने के नाते वह ऐसी घोषणाएं करने में सक्षम हैं. डीएमके की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर एक पोस्ट में मंत्री थिरुमिगु गीता जीवान ने षणमुगम की टिप्पणी को महिलाओं का अपमान करार दिया और कहा कि उनका यह बयान एआईएडीएमके की महिलाओं के प्रति विकृत और दुर्भावनापूर्ण सोच को दर्शाता है.

गीता जीवान ने डीएमके के नेतृत्व वाली सरकार की महिलाओं के सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं जैसे- विदियाल पयानम, कलैगनार महिला अधिकार योजना, पुढुमाई पेन योजना, कामकाजी महिलाओं के लिए थोझी हॉस्टल, महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए ऋण सीमा में वृद्धि, और महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने वाले कार्यक्रमों का उल्लेख किया. उन्होंने षणमुगम पर तंज कसते हुए सवाल किया कि क्या वह जे. जयललिता के जीवित रहते ऐसे बयान देने की हिम्मत करते? उन्होंने षणमुगम की इस टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने पर एआईएडीएमके महासचिव एडप्पादी पलानीस्वामी पर भी निशाना साधा.

गीता जीवान ने एआईएडीएमके नेताओं द्वारा अतीत में महिलाओं पर केंद्रीत सरकारी योजनाओं का अपमान करने के उदाहरण भी गिनाए. उन्होंने बताया कि पलानीस्वामी ने विदियाल पयानम बसों को 'लिपस्टिक लगी बसें' कहा था, अभिनेत्री और वर्तमान में बीजेपी नेत्री बनीं खुशबू ने महिला अधिकार योजना की राशि को 'भीख' करार दिया था, और पीएमके की सौम्या अनबुमणि ने महिलाओं को दी जाने वाली 1,000 रुपये की राहत राशि का मजाक उड़ाया था.

डीएमके के बयान में जोर दिया गया कि सीएम स्टालिन के नेतृत्व में तमिलनाडु ने महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता, शिक्षा में भागीदारी और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने वाली प्रगतिशील योजनाएं लागू की हैं. बयान में कहा गया कि इस तरह का विकास एआईएडीएमके को पसंद नहीं आ रहा, जिसके चलते सी.वी. षणमुगम ने ऐसी अपमानजनक टिप्पणी की.