रायबरेली कांग्रेस जिला प्रवक्ता सिद्धार्थ त्रिवेदी ने राहुल गांधी के काफिले को रोकने की कोशिश की निंदा की

रायबरेली कांग्रेस जिला प्रवक्ता सिद्धार्थ त्रिवेदी ने राहुल गांधी के काफिले को रोकने की कोशिश की निंदा की

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रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)
मो-8573856824

जनता द्वारा खारिज किए जाने के बाद से सदमे में हैं मंत्री दिनेश प्रताप सिंह, चर्चा में बने रहने के लिए कर रहे अलोकतांत्रिक कोशिशें : सिद्धार्थ त्रिवेदी 


रायबरेली - कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के रायबरेली-लखनऊ हाईवे पर दो दिवसीय दौरे के दौरान उनके काफिले को रोकने का प्रयास किया गया। बताया गया कि प्रदेश सरकार के राज्य स्वतंत्र प्रभार दिनेश प्रताप सिंह के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं ने “राहुल गांधी वापस जाओ” के नारे लगाए, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। हालांकि, स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप कर स्थिति को नियंत्रित कर लिया।

रायबरेली कांग्रेस जिला प्रवक्ता सिद्धार्थ त्रिवेदी ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों और संवेदनशीलता के खिलाफ गंभीर अशोभनीय कृत्य बताया। वहीं दूसरी ओर देश के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के रायबरेली दौरे में उनके काफिले की सुरक्षा में हुए व्यवधान के लिए रायबरेली पुलिस प्रशासन, एलआइयू पर भी सवाल उठ रहे हैं कि इतनी बड़ी संख्या में लोग कैसे हाइवे पर इकट्ठा हो गए।

सिद्धार्थ त्रिवेदी ने कहा कि “लोकतंत्र में सभी जनप्रतिनिधियों को स्वतंत्र और निर्भीक होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने का अधिकार है। राजनीतिक असहमति को संवाद और सहिष्णुता से व्यक्त करना चाहिए, न कि अवरोध और अपमानजनक व्यवहार से।”
उन्होंने आगे कहा कि “राहुल गांधी देश के प्रमुख राजनेता हैं, वह लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और रायबरेली से सांसद हैं।उन्होंने हमेशा जनहित और समाज की भलाई के लिए कार्य किये हैं। इस तरह का विरोध न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र को कमजोर करने वाला कदम है।”
सिद्धार्थ त्रिवेदी ने कहा कि प्रोपेगैंडा पार्टी के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह गाली वाले झूठ को, फेक नैरेटिव को सच बनाना चाहते हैं जबकि सच्चाई पूरी दुनिया के सामने आ चुकी है, कि न तो गाली देने के दौरान राहुल गांधी मंच पर थे, न ही गाली देने वाला व्यक्ति कांग्रेस पार्टी का सदस्य है। रायबरेली में भ्रष्टाचार, लूट, अन्याय, जनता के शोषण, विकास कार्यों में बाधा पहुंचाने की कलई कहीं खुल न जाए इसलिए ऊट पटांग अलोकतांत्रिक हरकतें कर ध्यान भटकाने कि कोशिशें हो रही हैं। अपनी ही पार्टी में हो रही अपनी उपेक्षा और बीते लोकसभा चुनाव में 4 लाख वोटों की हार से मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को गहरा मानसिक और राजनैतिक सदमा पहुंचा है। जनता द्वारा हर चुनाव में बुरी तरह हरा कर खारिज कर दिए जाने से मंत्री दिनेश प्रताप सिंह सिर्फ चर्चा में बने रहने, किसी तरह अपनी राजनैतिक प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए संघर्षरत हैं। उनके सामने अपनी ही पार्टी के सारे क्षत्रप उनको राजनैतिक बियावन में फेंकने को इकट्ठे हो चुके हैं, बीते दिनों उन सभी ने एक मंच पर आकर अपनी ताकत का प्रदर्शन भी किया है। दिनेश प्रताप सिंह पर इससे पहले भी नेशनल हाईवे के टोल टैक्स पर अराजकता और दबंगई कर जिला पंचायत सदस्यों के साथ मारपीट कर उन पर हमला करने, चोट पहुंचाने का आरोप लग चुका है। एक विधायक जो अब भाजपा में ही हैं मामले में पक्षकार हैं। राहुल गांधी और जनता के सामने रायबरेली में उनकी एक नहीं चल रही है, उनके सामने चुनाव लड़कर वह अपनी राजनीतिक हैसियत जान गए हैं। अपनी राजनीति का दीपक बुझता देख डिप्रेशन में अब वह अनर्गल प्रलाप, सड़कछाप हरकतों पर उतर आए हैं। जनता उनको अब गंभीरता से नहीं लेती।

सिद्धार्थ त्रिवेदी ने रायबरेली की महान जनता की सूझबूझ और और परिपक्वता की सराहना करते हुए कहा कि धन्य है रायबरेली की जनता जो पहले ही मंत्री दिनेश प्रताप सिंह की असलियत को समझकर उनको हर चुनाव में राजनीति का पाठ सिखाती रही है। उन्होंने
सभी राजनीतिक दलों और कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे लोकतांत्रिक मर्यादाओं का सम्मान करें और शांतिपूर्ण तरीके से अपने मतभेद रखें। उन्होंने कहा कि हमारा साझा लक्ष्य “एक शांतिपूर्ण और विकासशील भारत का निर्माण” होना चाहिए।