रायबरेली-जिले की राजनीति में ऊंचाहार का दबदबा ,

रायबरेली-जिले की राजनीति में ऊंचाहार का दबदबा ,

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अजय पाल सिंह साबित हुए गांधी परिवार के बेहद करीबी 

 रिपोर्ट-सागर तिवारी

ऊंचाहार-रायबरेली - जिले की सियासत में ऊंचाहार का दबदबा हमेशा रहा है । यूं कहे कि जिले की राजनीति की धुरी ऊंचाहार रही है । एक ओर जहां कांग्रेस पार्टी में स्व . ठाकुर दल बहादुर सिंह से लेकर कुंवर अजय पाल सिंह की गांधी परिवार से निकटता से ऊंचाहार की धमक गूंजती रही , वहीं दूसरी ओर सपा शासनकाल में डा मनोज पांडेय और बसपा शासनकाल में स्वामी प्रसाद मौर्य ने ऊंचाहार से जिले में अपना रुतबा कायम किया है ।
     चल रहे लोकसभा चुनाव में ऊंचाहार के पूर्व विधायक कुंवर अजय पाल सिंह इस समय पूरे जिले में खासे चर्चा में है । लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारी को लेकर जब उहापोह की स्थित थी और गांधी परिवार से बाहर का उम्मीदवार तलाशा जा रहा था , उस समय गांधी परिवार में जब अपना उत्तराधिकारी देने की बात आई तो राहुल प्रियंका की जोड़ी ने कुंवर अजय पाल सिंह को चुना , और उन्हे अपना उत्तराधिकारी बनाने का निश्चय कर लिया । उनसे कहा गया कि आप नामांकन के लिए तैयार रहें । इसकी भनक जब जिले में अन्य नेताओं को मिली तो सभी की निगाहें ऊंचाहार की ओर देखने लगी थी । सूत्र बताते हैं कि कुंवर अजय पाल सिंह लगातार गांधी परिवार पर चुनाव लड़ने के लिए दबाव बनाते रहे और आखिरकार राहुल गांधी को रायबरेली से मैदान में कूदना पड़ा । राहुल गांधी के आने से लेकर उनके नामांकन और अब चुनाव में भी कुंवर अजय पाल सिंह ही अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं । राहुल गांधी के नामांकन में कुंवर अजय पाल सिंह न सिर्फ प्रस्तावक है अपितु वह चुनाव के दौरान राहुल गांधी के प्रतिनिधि के रूप के उनका काम देख रहे हैं ।