रायबरेली के जोहवाशर्की गांव में चल रही है श्रीमद् भागवत कथा

रायबरेली के जोहवाशर्की गांव में चल रही है श्रीमद् भागवत कथा

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रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)
मो-8573856824

हरचंदपुर-

रायबरेली-भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाएं अमृत तत्व का बोध कराती हैं। साथ ही जीवन में अनुशासन, मर्यादा अध्यात्म की प्रेरणा देती हैं। सेवा, समर्पण की भावना से आराधना करने वालों को परमात्मा की कृपा प्राप्त होती हैं। जीव को अपने मन मे कभी अहंकार का भाव नहीं लाना चाहिए। अहंकार व्यक्ति के पतन का कारण बनता हैं।
    क्षेत्र के जोहवाशर्की गांव में आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान में षष्ठम दिवस अमृत रुपी यह विचार श्री धाम वृंदावन से पधारे कथा व्यास आचार्य गोपाल शास्त्री ने व्यक्त करते हुए कहा देवराज इंद्र का अभिमान चूर करने के लिए श्री कृष्ण ने इंद्र के बजाय गोवर्धन पर्वत की पूजा कराईं। बृजवासी श्रद्धा भाव के साथ गिरिराज की पूजा करते हैं।
     कथा व्यास ने बताया अपना अपमान होते देख इंद्र ने घनघोर बारिश शुरू कर दी। बृजवासी त्राहिमाम करने लगे। तब भगवान ने अपने हाथ की एक उंगली पर गिरिराज पर्वत को उठाकर बृजवासियों की रक्षा करते हैं। श्रद्धा, विश्वास के साथ परमात्मा के सामने समर्पण करने वाले भक्त के जीवन में कभी दुख संकट नहीं आता है।
     श्री शास्त्री जी ने श्रीमद् भागवत की अपार महिमा का वर्णन करते हुए कहा शुकदेव जी महाराज कहते हैं समस्त वेदों की उपासना जप, तप, अनुष्ठान इस कथा के 16 वें हिस्से की भी बराबरी नहीं कर सकते हैं। आज के संदर्भ में भगवान के पावन नाम की यह कथा बहुपयोगी है। कथा के दौरान भव्य झांकी प्रस्तुत की गई।
   इस मौके पर सपत्नीक यजमान  इंद्रेश कुमार चौरसिया, गायत्री चौरसिया, बृजेश चौरसिया, राजेंद्र साहू, अजय कुमार, जय शंकर, हरिओम, वैशाली पाठक, श्याम कुमारी, माया, मालती, सविता, ममता, पूनम, प्रीति, राम पाल चौरसिया, सहदेव चौरसिया, गुरु प्रसाद चौरसिया, मोहन त्रिवेदी, बिंदु दीक्षित, आशु त्रिपाठी, हेमंत दीक्षित आदि लोग मौजूद रहें।