रायबरेली-वट वृक्ष की पूजा कर सुहागिनों ने मांगा अचल सुहाग का वरदान,,,,,

रायबरेली-वट वृक्ष की पूजा कर सुहागिनों ने मांगा अचल सुहाग का वरदान,,,,,

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 रिपोर्ट-सागर तिवारी



ऊंचाहार - रायबरेली-वट सावित्री व्रत को लेकर सोमवार को सौभाग्यवती महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा अर्चना कर अखंड सौभाग्य का वरदान मांगा। इस अवसर पर वट वृक्षों के नीचे सामूहिक रूप से पूजा अर्चना की गई।
       व्रतियों ने अपने अचल सुहाग की कामना को लेकर वट वृक्ष अथार्त बरगद के पेड़ को कच्चे धागों से लपेटा। पंखा झला और सिदूर आदि से पूजा अर्चना की। पौराणिक मान्यता है कि जेष्ठ माह की अमावस्या तिथि को सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण लौटाई थी। लकड़ी काटने के दौरान जब सत्यवान मृत हो गए तो सावित्री ने यमराज का पीछा करते करते हठपूर्वक वरदान मांग कर अपनी पति की आत्मा को लौटाया। इस दौरान पति का मृत्य देह बरगद के पेड़ से वह कच्चे धागों से बांधकर गई थी। तबसे सौभाग्यवती महिलाएं वट सावित्री की पूजा अर्चना करती है। इधर जिले में वट सावित्री पूजा की धूम रही। सोमवार को अमावस्या का आरंभ अपराह्न 11बजे के बाद हुआ था , इसलिए व्रती महिलाएं 11 बजे है से ही वटवृक्ष के नीचे पूजा अर्चना का कार्यक्रम शुरू हो गया था। बड़ी संख्या में सुहागिन महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा अर्चना कर पति के दीर्घायु होने की कामना की। क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर  सुहाग की लंबी आयु व संतान सुख की प्राप्ति के लिए  सुहागिन  लक्ष्मी मौर्य , पूनम मौर्य  वट वृक्ष की पूजा अर्चना की है। वट वृक्ष को जल, दूध, फूल, फल व पूजन सामग्री अर्पित कर पंखा झेलेगी, साथ ही परिक्रमा कर रक्षा सूत्र धागा वृक्ष में बांधा। वृक्ष के नीचे बैठ सावित्री और सत्यवान की कथा भी सुनेगी, फिर चना, शक्कर, पकवान, मिष्ठान प्रसाद के रूप में वितरण किया  है।