भगवान श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा के दिन सार्वजनिक अवकाश की मांग, भारत सरकार को काशी के संतो ने लिखा पत्र

भगवान श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा के दिन सार्वजनिक अवकाश की मांग, भारत सरकार को काशी के संतो ने लिखा पत्र

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वाराणसी। अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर में होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश में उत्साह का माहौल है। अयोध्या में श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिथा को लेकर 15 जनवरी से आयोजन शुरू हो जाएंगे। वही 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान श्री रामलला का प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। ऐसे में काशी के संतो ने 22 जनवरी के ऐतिहासिक दिन पर सार्वजनिक अवकाश किए जाने की मांग किया है। अखिल भारतीय संत समिति की तरफ से 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश किए जाने की मांग को लेकर भारत सरकार को पत्र लिखा गया है। अपने इस मांग पत्र में अखिल भारतीय संत समिति ने भारत सरकार से मांग किया है कि भगवान श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को देखने के लिए देश में सार्वजनिक अवकाश किया जाए।

स्वामी जितेंद्राननंद सरस्वती ने सार्वजनिक अवकाश की मांग किए जाने की लेकर कहा कि भगवान श्री रामलला का प्राण प्रतिष्ठा 495 वर्षो के इंतजार और 77 युद्ध के बाद देश के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद होने जा रहा है। न्यायालय से नवंबर 2019 को भगवान श्री राम मंदिर हमें प्राप्त हुआ लेकिन सनातन धर्म के लोगों ने कोई प्रसन्नता व्यक्त नहीं कर पाया। क्योंकि सरकार ने कहा था कि यदि कोई जुलूस निकाला जाता है, तो कोई अनहोनी हो सकती है। अब भगवान श्री राम जब इतने लंबे वनवास के बाद अपने जन्मभूमि पर प्रतिष्ठित होने जा रहे हैं, तो हम सभी खुशी कैसे मनाए।अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्राननंद सरस्वती ने कहा कि सनातन धर्म को मानने वालो के लिए 22 जनवरी का दिन ऐतिहासिक दिन है। भारत सरकार से डिमांड किया गया है,कि इस ऐतिहासिक पल को सभी लोग मिलजुल कर अपने परिवार के साथ देख पाए, इसलिए एक दिन का सार्वजनिक अवकाश दिया घोषित किया जाए। वही संतों ने भी अखिल भारतीय संत समिति के इस मांग का समर्थन किया है। संतों ने सभी देशवासियों से अपील की है कि इस ऐतिहासिक दिन पर वह अपने पूरे परिवार के साथ प्राण प्रतिष्ठा को देखें।