रायबरेली-मुहर्रम का चांद नजर आते ही टूट गई चिड़ियां , बदल गए परिधान,,,,

रायबरेली-मुहर्रम का चांद नजर आते ही टूट गई चिड़ियां , बदल गए परिधान,,,,

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 रिपोर्ट-सागर तिवारी

ऊंचाहार - रायबरेली - शिया समुदाय के लिए गुरुवार का चांद गम और मातम का पैग़ाम लेकर आया है। मुस्लिम कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम शुक्रवार से शुरू होगा। कर्बला में हजरत इमाम हुसैन की साथियों के साथ शहादत की याद दिलाने वाला यह महीना शिया समुदाय के लिए दुःख और क्षोभ का महीना है। गुरुवार की शाम यह ऐसा चांद था जिसने शिया समुदाय के हर घर को मातम में डूबो दिया है। महिलाओं ने अपने हाथ की चूड़ियां तोड़ दी , सारे श्रृंगार मिटा दिए , गम का प्रतीक परिधान धारण कर लिए और हर आंख  हजरत इमाम हुसैन की याद में डूब गई । 
       गुरुवार शाम को चांद निकलते ही शुक्रवार से मुहर्रम का आगाज तय हो गया है। मुहर्रम महीने के चांद के दीदार के साथ शिया समुदाय की महिलाओं ने चूड़ियां तोड़ दी , सारे श्रृंगार मिटा दिए । महिलाओं के साथ पुरुषों ने भी रंग बिरंगे परिधान त्यागकर गम का प्रतीक काले परिधान को धारण कर लिया है ।
      शुक्रवार से मुहर्रम शुरू हो जाएगा । कर्बला में कुल 71लोगो की शहादत का नेतृत्व करने वाले पैगम्बर मुहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की याद में जिले के शहर , नसीराबाद, मुस्तफाबाद कस्बे का हर आंगन मातम में डूबा हुआ है । इससे पहले गुरूवार की शाम को आगाज ए मुहर्रम का जुलूस ऊंचाहार के जमुनियाहर कब्रिस्तान से शुरू हुआ । जिसमे मजलिसो को संबोधित किया गया। इस दौरान ओवैस नक़वी करबालाई ने और अन्जुमन-ए-नक़वीया नौहाख्वनी व सीनाजनी (मातम) किया। नौहाखानी मे नौहा ओवैस नक़वी, आरिफ हुसैन,ताबिश हैदर , सैफ़ मेंहदी,हैदर अब्बास,अमन मेंहदी ने नौहा पेश किया और पढ़ा" तमाम जुल्म के शोले बुझा दिए जिसने ,  चिराग हक़ के तमाम जला दिए जिसने , यजीदियत के अंधेरे को मिटा दिया जिसने ,, आज हम करते है उस हुसैन का मातम , खुली जो आंख तो देखा हुसैन का मातम" तो या हुसैन की सदायें गूंज उठी। इस मौके पर अशरफ हुसैन असद ,राहिल नकवी , रेहान हैदर, हसनैन मुस्फाबादी , नाजिर हैदर राशिद, सरकार,मोनू , तुराब अख्तर राज हैदर, शोएब हैदर,जैन नक़वी और आसिफ समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे।