रायबरेली में चोरी के आरोप में युवक की पिटाई, पिता की सदमे से मौत

रायबरेली में चोरी के आरोप में युवक की पिटाई, पिता की सदमे से मौत

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रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)

मो-8573856824

कौशांबी के बाद सलोन में पुलिस की बर्बरता का मामला सामने आया है। सलोन पुलिस ने करीब 15 दिन पूर्व चोरी के मामले में चार युवकों को जेल भेजा था। आरोप है कि जेल भेजने से पूर्व जुर्म कबूल करवाने को लेकर पुलिस ने युवकों पर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया और बर्बरता पूर्वक उनकी पिटाई की, जिसके चलते जेल में एक युवक की तबीयत बिगड़ गई।

एम्स के आइसीयू में भर्ती कर युवक का उपचार किया जा रहा है। परिवारजन का आरोप है कि अस्पताल में बेटे की हालत देखकर पिता को गहरा सदमा लगा, जिसके चलते मंगलवार की रात उनकी मौत हो गई। मृतक की पत्नी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिकायती पत्र भेजकर आरोपित पुलिस कर्मियों के विरुद्ध केस दर्ज कराने की मांग की है।

कस्बे के पैगम्बरपुर पश्चिमी निवासी सुखराना ने मुख्यमंत्री को भेजे शिकायती पत्र में बताया कि 26 मई को तीन पुलिसकर्मी सादी वर्दी में घर आए और उनके पुत्र अनिकेत उर्फ अंकित को लेकर थाने चले गए। महिला का कहना है कि जब वह थाने पहुंची तो वहां उसे बताया गया कि अनिकेत ने चाेरी की है। इसके बाद उसे गाली गलौज कर थाने से भगा दिया गया।

महिला के मुताबिक थाने में पुलिसकर्मियों ने अनिकेत पर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया और जुर्म कबूलने को लेकर उन्हें बेरहमी से मारा पीटा। इसके बाद चोरी के आरोप में उसे जेल भेज दिया गया। महिला का कहना है कि जब वह अपने बेटे से मिलने गई तो उसने बताया कि पुलिस वालों ने उसे बहुत मारा पीटा है, जिससे उसके पेट में गंभीर चोटें आई हैं। एक दो दिन बाद ही अनिकेत की जेल में हालत बिगड़ी तो उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे एम्स रेफर कर दिया गया।

एम्स में पेट के आपरेशन के बाद आइसीयू में भर्ती कर अनिकेत का उपचार किया जा रहा है। परिवारजन का आरोप है कि पुलिस की पिटाई से अनिकेत की आंत फट गई है। महिला का कहना है कि अनिकेत की तबीयत बिगड़ने की सूचना परिवारजन को दी गई तो उसके पति रामेश्वर बेटे को देखने एम्स गए, लेकिन बेटे की स्थिति देख उन्हें इस कदर सदमा लगा कि वापस लौटने के बाद मंगलवार

मंगलवार की रात उनकी मौत हो गई। मामले में हालांकि पुलिस ने विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी कि मामले में चिकित्सीय परीक्षण के बाद अनिकेत समेत चार आरोपितों को जेल भेजा गया था। लगाए गए आरोप निराधार हैं।