कौन हैं IPS राजीव कृष्ण, जिन्हें मिली यूपी DGP की जिम्मेदारी, UP के बीहड़ों से किया था डकैतों का सफाया

रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)
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उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने सूबे के लिए नए पुलिस महानिदेशक का चयन कर लिया है. इस कड़ी में 1991 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी राजीव कृष्ण को राज्य का नया पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त किया है.
यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब पूर्व कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार नहीं मिला.
सूत्रों के अनुसार, राजीव कृष्ण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहली पसंद थे, और उनकी नियुक्ति को राज्य की कानून-व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. हालांकि, राजीव कृष्ण की चर्चा आगरा में वर्ष 2004 में बतौर एसएसपी तैनाती को लेकर खूब होती है. आगरा एसएसपी के तौर पर उन्होंने अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया था. बीहड़ में सक्रिय अपहरण गिरोहों के खिलाफ राजीव कृष्ण ने प्रभावी कार्रवाई की थी.
जानिए राजीव कृष्ण का करियर और अनुभव?
आईपीएस राजीव कृष्ण, जिनका जन्म गौतम बुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश में हुआ है. वो साल 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, उन्होंने अपने करियर में मथुरा, इटावा, आगरा जैसे जिलों में पुलिस अधीक्षक (एसपी/एसएसपी) के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं. इसके अलावा, वह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में पांच साल तक इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) के रूप में काम कर चुके हैं. हाल ही में, उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड (यूपीपीआरपीबी) का अध्यक्ष और सतर्कता विभाग का अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) नियुक्त किया गया था.
संगठन में बदलाव का हिस्सा
राजीव कृष्ण की नियुक्ति से पहले, उत्तर प्रदेश पुलिस में डीजीपी की नियुक्ति को लेकर लखनऊ से दिल्ली तक गहन मंथन हुआ. सूत्रों का कहना है कि दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने प्रशांत कुमार के सेवा विस्तार का विरोध किया था, जिसके बाद राजीव कृष्ण, दलजीत चौधरी और आलोक शर्मा जैसे 1991 बैच के अधिकारियों के नाम रेस में आगे आए. आखिरकार, राजीव कृष्ण को यह जिम्मेदारी सौंपी गई.
राजीव कृष्णा के सामने क्या रहेगी चुनौतियां
इधर, आईपीएस राजीव कृष्ण के सामने उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की बड़ी चुनौती है. हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद राज्य में रेड अलर्ट जारी किया गया था, जिसके प्रबंधन में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही. उनकी नियुक्ति को लेकर सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा है, जहां उन्हें एक सख्त और अनुभवी अधिकारी के रूप में देखा जा रहा है.
पुलिस भर्ती बोर्ड में भी रहा विशेष योगदान
इससे पहले, मार्च 2024 में पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में तत्कालीन अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को हटाकर राजीव कृष्ण को यूपीपीआरपीबी का अध्यक्ष बनाया गया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई थी, जिसने उनकी विश्वसनीयता को और मजबूत किया. राजीव कृष्ण की नई
जिम्मेदारी के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस में एक नया अध्याय शुरू होने की उम्मीद है. उनकी अनुभवी नेतृत्व क्षमता और कठिन परिस्थितियों में निर्णय लेने की योग्यता से राज्य में अपराध नियंत्रण और जनसुरक्षा को नई दिशा मिलने की संभावना है.



