रायबरेली-हजरत अली की सीरत इंसानियत और अमन की रोशनी की तरह

रायबरेली-हजरत अली की सीरत इंसानियत और अमन  की रोशनी की तरह

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रिपोर्ट-सागर तिवारी

ऊंचाहार , रायबरेली - 21वीं रमज़ान को हज़रत अली की शहादत की याद में ऊंचाहार के फाटक भीतर में एक भव्य मजलिस का आयोजन किया गया। यह आयोजन 300 साल पुरानी परंपरा का हिस्सा है, जिसे हर साल बड़े पैमाने पर मनाया जाता है । 
      यह आयोजन नगर निवासी अनीस हैदर के यहां किया गया। इस आयोजन में दूर-दराज़ से आए अज़ादारों और शहर के गणमान्य व्यक्तियों ने भागीदारी की।इस मौके पर तीन दिनों तक मजलिस का सिलसिला जारी रहा, जिसमें कई विद्वानों और अज़ादारों ने हिस्सा लिया। पहली मजलिस को  हसनैन नकवी ने संबोधित किया। दूसरी मजलिस को मौलाना दानिश नकवी ने ,तीसरी मजलिस को मौलाना अली रज़ा अश्तर संबोधित किया।  आसिफ नकवी, अज़ादार हुसैन, तुराब नकवी और आदिल नकवी ने भी अपनी बात रखी। मर्सियाख्वानी और साहिबे-बयाज़ी वरिष्ठ पत्रकार नाज़िम नकवी ने की। वक्ताओं ने कहा कि आज के दौर में जब अमन और भाईचारे की सबसे ज्यादा जरूरत है, हज़रत अली  की सीरत हमारे लिए एक रोशनी की तरह है। हमें उनके बताए रास्ते पर चलकर समाज में मोहब्बत और भाईचारा बढ़ाना चाहिए। धर्म गुरुओं ने कहा कि यह सिर्फ एक मजलिस नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का हिस्सा है। सदियों से यह आयोजन होता आ रहा है, और हमारा कर्तव्य है कि इसे आने वाली पीढ़ियों तक ज़िंदा रखें।जुलूस अनीस हैदर के घर से निकला और मन्नत भाई के इमामबाड़े से होता हुआ छोटी कर्बला में समाप्त हुआ।अज़ादार काले लिबास में पुरग़म माहौल में मातम कर रहे थे और हज़रत अली  की शहादत पर अपना दुख ज़ाहिर कर रहे थे। इस मौके पर डा अजहर अब्बास नकवी, जफर नकवी , शानू नकवी , अशरफ हुसैन असद ,सरवर हुसैन, इरफान अब्बास, मंजर हुसैन ,शहाब नकवी, हैदर मास्टर ,नासिर हैदर ,  मुश्ताक अब्बास ,सुल्तान अब्बास , फिरदौस , अख्तर नकवी, फरोग हैदर आदि मौजूद थे ।  सुरक्षा की दृष्टि से इस मौके पर एसडीएम सिद्धार्थ चौधरी, नगर पंचायत ऊंचाहार, और पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई।