ऊंचाहार में न सरकार खौफ न उच्चाधियारियों का दबाव जमकर हो रहा गरीबों पर अत्याचार जाने क्या,,

ऊंचाहार में न सरकार खौफ न उच्चाधियारियों का दबाव जमकर हो रहा गरीबों पर अत्याचार जाने क्या,,

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 रिपोर्ट-सागर तिवारी


ऊंचाहार-रायबरेली-  ना सरकार खौफ न उच्चाधियारियों का दबाव। जब जब कुर्सी मिली है तो उसका जायज और नाजायज फायदा उठाया ही जाएगा। अपने पद की हनक रौब किसानों को दिखाया जाएगा। कुछ ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है। 
 तहसील मुख्यालय में गंगा एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहण किए गए भूमि का बैनामा कराने आए किसानों का सुबह से रात तक अधिकारियों ने बैनामा नहीं कराया। इनमें अधिकांश बुजुर्ग, अधेड़ शामिल हैं। जिम्मेदारों द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया है। 
         मामला ऊंचाहार तहसील मुख्यालय का है। मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेसवे का कार्य निर्माणधीन है। एक्सप्रेसवे निर्माण कराने के लिए सरकार ने बड़े पैमाने पर भूमि का अधिग्रहण किया है।  रोझईया गोकुलपुर व रोझाया भीखम शाह स्थित भूमि गाटा संख्या 185, 183, 37, 129 का आंशिक बैनामा होना है। इसके लिए तहसीलदार आकांक्षा दीक्षित ने एक दिन पूर्व कानूनगो रत्नाकर शुक्ला समेत चार लेखपालों को भेजकर शनिवार की सुबह दस बजे भू स्वामी प्रमेश चन्द्र त्रिवेदी, हर्षेन्द्र कुमार त्रिवेदी, मधुरेश कुमार त्रिवेदी, चन्द्रेश कुमार, श्रवण कुमार त्रिवेदी समेत 43 लोगों तहसील में उपस्थित होने के लिए अन्तिम तारीख की चेतावनी दी थी। चेतावनी के मुताबिक सभी भू स्वामी शनिवार की सुबह दस बजे ही घर से तहसील के लिए कूच कर गए। बताया जा रहा है तहसील मुख्यालय पहुंचे भू स्वामियों को सुबह से रात साढ़े नौ बजे तक बैनामा नहीं हुआ था। भू स्वामियों का कहना है वह भूखे प्यासे सुबह से हमे बुला लिया गया है और उनका अभी तक बैनामा नहीं कराया गया है। इनमें अधिकांश बुजुर्ग और अधेड़ की संख्या अधिकांश है।