रायबरेली-उपनिबंधक कार्यालय में एक और बड़ा खेल निकलकर सामने आया जाने क्या,,,,,?

रायबरेली-उपनिबंधक कार्यालय में एक और बड़ा खेल निकलकर सामने आया जाने क्या,,,,,?

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  रिपोर्ट-सागर तिवारी

ऊंचाहार-रायबरेली। तहसील के उपनिबंधक कार्यालय में एक और बड़ा खेल निकलकर सामने आया है। अनुसूचित जनजाति के किसान की जाति बदलकर उसे क्षत्रिय बताकर किए गए इस जघन्य अपराध के बाद उपनिबंधक प्रभारी सचिन पाठक ने उसी तर्ज पर एक और बैनामा कर दिया। 
      विदित हो कि पट्टी रहस कैथवल गाँव के रहने वाले तूफान सिंह की गांव स्थित स्वामित्व भूमि संख्या 2001 में से कुछ दलालों ने तूफान सिंह   जाति बदलकर क्षत्रिय लिखवा दिया और इसमें से कुछ भाग बीते सात अप्रैल को उपनिबंधक कार्यालय में फतेहपुर जनपद की खागा तहसील की नौबस्ता निवासिनी पूजा देवी को बैनामा करवा दिया। पूजा देवी जाति से ब्राम्हण हैं। तूफान सिंह अभिलेखों के अनुसार जाति के बेड़िया हैं। जो छठवीं अनुसूची में अनुसूचित जनजाति जाति के रूप में दर्ज अभिलेख है। मजे की बात यह है कि उपनिबंधक की यह पूरी जिम्मेदारी होती है कि वह जिस स्थान का बैनामा हो रहा है उसकी यह तय करें कि स्थान पर वाणिज्यिक गतिविधि कृषि कार्य अथवा आबादी आदि की पुष्टि करें। उसकी जाति की पुष्टि भी करें यह उनकी स्वयं की संवैधानिक जिम्मेदारी है। जिस तरह से जाति ने उलट फेर करवाकर बैनामा हुआ है उस प्रकार से यह स्पष्ट की उपनिबंधक ने अपने दायित्वों का निर्वाहन नहीं किया है। इन सब के पीछे का मास्टरमाइंड तीरथ लाला माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि तीरथ लाल ने ही दलालों और उपनिबंधक के बीच सम्पर्क स्थापित कराया था। इस पूरे भ्रष्टचार की मुख्य कड़ी यही तीरथ लाल है। इसके पूर्व भी अपुष्ट बैनामा कराने के एवज में इसके ऊपर रिश्वत लेने के गम्भीर आरोप लग चुके हैं। इसकी अच्छी सेटिंग और कमाऊ पूत होने के चलते इसपर अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई। परिणामस्वरूप कई फर्जी बैनामे और लाखों की चोट सामने है।
पूरे मामले में बड़े अपराध में शामिल होने को दलाल और उपनिबंधक के साथ तीरथ लाल की ओर इशारा कर रही है। 
फिलहाल प्रभारी उपनिबंधक सचिन पाठक ने अपना झल्ला झाड़ते हुए कहा है जांच पड़ताल के बाद ही बैनामा रजिस्टर किया जाता है जबकि सच्चाई कोसों दूर है।