Raibareli-फार्मेसिस्टों ने मनाया अधिकार दिवस

Raibareli-फार्मेसिस्टों ने मनाया अधिकार दिवस

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रिपोर्ट-शिवम त्रिवेदी
मो:8423408484

रायबरेली- फार्मेसिस्ट फेडरेशन के आह्वान पर ' फार्मेसिस्ट अधिकार दिवस ' मनाया गया । जिसमें जनपद रायबरेली के सभी विधाओं के फार्मेसिस्टों, शिक्षकों एवं फार्मेसी छात्रों ने भी भागीदारी की । 
जनपदों में आयोजित कार्यक्रम में फार्मेसी व्यवसाय के महत्व को बढ़ाने, रोजगार सृजन सहित अनेक सामयिक बिंदुओं पर गंभीर चर्चा की गई । निर्णय लिया गया कि प्रस्ताव पारित कर माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रेषित किया जाए ।
 मुख्य बिंदु निम्नवत है .. उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिला चिकित्सालयो एवं महिला चिकित्सालयो को एक साथ मिलाकर उन्हें मेडिकल कॉलेज बनाये जाते समय वहां पर पूर्व से कार्यरत सभी कर्मचारियों को धीरे-धीरे कार्यमुक्त कर चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग को भेजा जा रहा है । यही स्थिति लखनऊ के डॉक्टर राम मनोहर लोहिया संस्थान की भी है । इससे अनेक जटिलताएं उत्पन्न हो रही हैं जो आगे और विकराल रूप ले सकती हैं, जैसे
क - अनेक पद समाप्त हो जा रहे हैं, वहीं उच्च संवर्गीय पदोन्नति के पद भी समाप्त हो रहे हैं, जिससे पदोन्नतिया बाधित होंगी । फार्मासिस्ट संवर्ग में प्रभारी अधिकारी फार्मेसी के पद जिला चिकित्सालयों में ही सृजित है, वहीं चीफ फार्मेसिस्ट के ज्यादातर पदों को जिला और महिला चिकित्सालयों में स्थापित किया गया है, इन परिस्थितियों में यह सभी पद समाप्त हो जाएंगे, जिससे कार्मिक नीचे के पदों से ही सेवानिवृत्त होने लगेंगे ।
ख. कार्यमुक्त होने के पश्चात कार्मिक महीनों तक समायोजन की राह देख रहा है, मध्य सत्र में कार्मिकों को अन्य जनपद में समायोजित किया जा रहा है, जिससे उनके परिवार को भी अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है । 
ग. कार्यमुक्त फार्मेसिस्टों के बच्चों की शिक्षा बीच में रुक जा रही है ।
घ. भविष्य में रिक्त पदों की भी समस्या हो सकती है।  
फेडरेशन का अनुरोध है कि कृपया मेडिकल कॉलेज बनते समय जिला चिकित्सालय एवं महिला चिकित्सालय को संबद्ध चिकित्सालय का दर्जा दिया जाए एवं कार्मिकों को पूर्ववत बने रहने दिया जाए । 
यदि यह संभव नहीं हो पा रहा है तो कार्मिकों को कार्यमुक्त करते समय उन्हें पद सहित चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में भेजा जाए जिससे उनका समायोजन तत्काल हो सके और कार्मिकों को परेशानी का सामना ना करना पड़े ।
केंद्र सरकार की भांति उत्तर प्रदेश सरकार में फार्मेसिस्ट पद पर नियुक्ति हेतु न्यूनतम योग्यता ' डिप्लोमा इन फार्मेसी + 2 वर्ष का अनुभव या बैचलर फार्मेसी ' निर्धारित की जाए ।
फार्मेसिस्ट की शैक्षिक योग्यता को देखते हुए नेशनल हेल्थ पॉलिसी के पैरा 3.3.1  और 11.4 के अनुसार सी एच ओ के पदों पर फार्मेसिस्टों की भी तैनाती की जाए।फार्मेसिस्टों की योग्यता के अनुसार कुछ अन्य राज्यों की भांति उत्तर प्रदेश में भी कुछ दवाएं लिखने का अधिकार दिया जाए । वेटनरी फार्मेसिस्ट सेवा नियमावली प्रख्यापित कर शासनदेशानुसार  फार्मेसिस्ट की नियुक्तियां की जाएं । अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड द्वारा चयनित होम्योपैथ फार्मेसिस्टों की तत्काल नियुक्तियां की जाएं । आयुर्वेद की दवाओं के भंडारण वितरण के लिए भी फार्मेसिस्ट की अनिवार्यता की जाए ।दवा कंपनियों में केमिस्ट के पद पर केवल फार्मेसिस्ट की नियुक्तियां अनिवार्य की जाएं ।
मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के लिए फार्मेसिस्ट को वरीयता मिले । फार्मेसी शिक्षको का न्यूनतम वेतन निर्धारण सरकारी शिक्षको के समान किया जाए । मेडिकल स्टोरों पर फार्मेसिस्ट का न्यूनतम मानदेय निर्धारित किया जाए ।लाखो बेरोजगार फार्मेसिस्टों के लिए रोजगार का सृजन किया जाएगा ।आप द्वारा सदैव जन हित एवं युवाओं के हितार्थ सकारात्मक निर्णय लिए जाते हैं, अतः फेडरेशन को आशा है कि आप  द्वारा इस मामले पर तत्काल निर्णय लेते हुए कार्यवाही की जाएगी ।