न राहुल गांधी का वकील, न ही जज', सेल्फी लेने वाले शख्स ने खुद बताई सच्चाई

रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)
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भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सैनिकों को लेकर दिए गए एक बयान के बाद राहुल गांधी ने 15 जुलाई को लखनऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। विशेष एसीजेएम आलोक वर्मा ने उन्हें सशर्त ज़मानत दे दी।
राहुल गांधी को बीस-बीस हजार रुपये की दो जमानतें और बीस हजार रुपये का व्यक्तिगत मुचलका दाखिल करने पर रिहा किया गया। इधर राहुल गांधी को जमानत मिली, उधर सोशल मीडिया पर उनकी एक फोटो वायरल हो गई। News24 ने फोटो में दिख रहे शख्स से संपर्क किया, उसने खुद ही इस फोटो की सच्चाई बताई है।
सोशल मीडिया पर दावा
वायरल हो रही फोटो में राहुल गांधी तमाम कांग्रेस नेताओं के साथ दिखाई दे रहे हैं। इस सेल्फी को काले कोट पहने एक शख्स द्वारा ली गई। सोशल मीडिया पर लोगों ने दावा किया कि काला कोट पहना शख्स कोई और नहीं, बल्कि जज खुद हैं। फोटो शेयर कर लोगों ने 'जज' पर सवाल उठाए हैं। हालांकि, कई कांग्रेस नेताओं ने भी इस फोटो को शेयर कर कहा कि जज साहब खुद राहुल गांधी के साथ सेल्फी ले रहे हैं।
कांग्रेस नेता की सफाई
सोशल मीडिया पर बीजेपी से जुड़े कई नेताओं और समर्थकों द्वारा इस फोटो को शेयर किया गया, लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर काले कोट में दिख रहा शख्स क्या वाकई जज ही हैं? कांग्रेस नेता श्रीनिवास ने इसकी सच्चाई बताई है। श्रीनिवास ने बीजेपी आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय की पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, "ये वकील साहब हैं, जज साहब नहीं। जरा सूत्र मजबूत करो, दो रुपल्ली के भरोसे कब तक रोजी-रोटी चलाओगे?" बताया जा रहा है कि फोटो में दिख रहे शख्स का नाम सैयद महमूद हसन है, जो लखनऊ में वकालत करते हैं।
क्या बोले वकील?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने कहा कि मैंने अपने केस के सिलसिले में कोर्ट में मौजूद था। तभी वहां राहुल गांधी भी पहुंच गए। सभी लोग उनके साथ सेल्फी ले रहे थे। मेरी भी फोटो किसी दोस्त ने क्लिक की थी। उसने मुझे भेजा और मैंने फेसबुक पर शेयर कर लिया। मैंने ना तो राहुल गांधी का वकील हूं और ना ही मैं जज हूं। हां मैं वकालत करता हूं, इसी सिलसिले में मैं कोर्ट गया था।
क्यों कोर्ट पहुंचे थे राहुल गांधी?
सीमा सड़क संगठन के सेवानिवृत्त निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव की ओर से राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का परिवाद दायर किया गया था। आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कहा था कि, "लोग भारत जोड़ो यात्रा के बारे में क्या-क्या पूछेंगे, लेकिन चीनी सैनिकों की ओर से हमारे सैनिकों की पिटाई के बारे में एक बार भी सवाल नहीं पूछेंगे।" कहा गया कि राहुल गांधी के इस बयान से भारतीय सेना, सैनिकों के परिवार और वादी की मानहानि हुई है।
इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राहुल गांधी को तलब किया था, जिसके बाद वह आत्मसमर्पण करने पहुंचे थे। राहुल गांधी के वकील ने अपनी दलील रखते हुए कहा कि उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया है। राहुल गांधी सांसद हैं, ऐसे में उनके भागने की संभावना नहीं है। कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। अगली सुनवाई आठ अगस्त को होने वाली है।



