रायबरेली में कंपनी और अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे मोहल्लेवाशी,शाम होते शहर मे छा जाता है अंधेरा

हर दिन पालिका कार्यालय में 20 से 25 शिकायतें एलईडी लाइटें खराब होने की पहुंच रही हैं।
शहर के 34 वार्डों में ढाई लाख की आबादी रहती है। वर्ष 2018 में इन वार्डों में 10 हजार 793 लाइटें लगवाने और मेंटीनेंस की जिम्मेदारी डबल ईएसल (एनर्जी एफीसीएनसी सर्विस लिमिटेड) को दी गई थी। मौजूदा समय में एलईडी लाइटें खराब हैं। इससे शाम होते ही शहर में अंधेरा छा जाता है।
इंदिरा नगर, तेलियाकोट, कहारों का अड्डा, घोसियाना, राना नगर वार्डों में सबसे ज्यादा लाइटें खराब हो रही हैं। वैसे तो 24 घंटे के अंदर लाइटें ठीक कराने का नियम है, लेकिन इन्हें ठीक होने में दो से तीन दिन लग रहे हैं। नगर पालिका के स्वास्थ्य विभाग कार्यालय परिसर के नीचे बृहस्पतिवार को खराब एलईडी लाइटें पड़ी थीं। इन लाइटों को कर्मचारी लेकर ठीक कराने के लिए ले जा रहे थे। कर्मचारियों का कहना था कि लाइटें खराब हैं, जिन्हें जल्द ठीक करा दिया जाएगा। लाइटों के खराब होने से वार्डों मेंं रहने वाले नागरिकों में गुस्सा बढ़ रहा है।
सभासद बोले, कमीशनबाजी की भेंट चढ़ीं लाइटें
सभासद पुष्पा यादव, सतीश कुमार मिश्रा, जय प्रकाश वर्मा, पंकज साहू, रामखेलावन बारी कहते हैं कि गर्मी में तो और लाइटें खराब हो रही हैं। 34 वार्डों में 500 से ज्यादा लाइटें खराब हैं। लाइटों को लगवाने मेंं कमीशनबाजी की गई। यही वजह रही कि अच्छी एलईडी लाइटें नहीं लग पाई। देखरेख और मेंटीनेंस में भी ढिलाई बरती जा रही है। इस मुद्दे को कई बार बोर्ड की बैठक में उठाया जा चुका है। लाइटें खराब होने से वार्डों में अंधेरा रहता है। इससे चोर उचक्कों का खतरा रहता है।
गर्मी में फाल्ट बढ़ जाती है। इसलिए एलईडी लाइटें खराब हो रही हैं। हर दिन 20 से 25 शिकायतें लाइटें खराब होने की आ रही है। पुलिस लाइन में मेंटीनेंस कक्ष बनाया गया है। 24 घंटे के अंदर लाइटें ठीक कराने का प्रयास किया जाता है।
- अभिषेक सिंह, साइड इंजीनियर, डबल ईएसल



