रायबरेली के महिला अस्पताल में खुलेगी हाई डिपेंडेंसी यूनिट

इसके बाद महिलाओं को इलाज के लिए एम्स रेफर नहीं करना पड़ेगा। यूनिट में भर्ती मरीजों को मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल जैसी सुविधाएं मिल सकेंगी।
वार्ड का प्रत्येक बेड मॉनीटर सिस्टम व बाईपैप मशीन से जुड़ेगा। ऐसा होने के बाद यूनिट में भर्ती महिलाओं को जांच व ऑक्सीजन की सुविधा भी बेड पर ही मिल सकेगी। जिला महिला अस्पताल में हर महीने 200 से अधिक महिलाओं का सिजेरियन प्रसव होता है। सामान्य प्रसव की संख्या भी 300 से अधिक रहती है। सांस, हृदयरोग व बच्चे में धड़कन की कमी की परेशानी पर गर्भवती को एम्स या लखनऊ रेफर करना पड़ता है।
ऑपरेशन के बाद कुछ महिलाओं की हालत गंभीर हो जाती है। इसे देखते हुए महिला अस्पताल में एचडीयू तैयार की जा रही है। यूनिट तैयार करने का काम शुरू हो गया है। ऑपरेशन थिएटर के बगल में ही पहली मंजिल पर यूनिट स्थापित हो रही है। इसी माह यूनिट को शुरू कराने का प्रयास भी किया जा रहा है। वार्ड में भर्ती मरीजों की निगरानी के लिए नियमित तौर पर ईएमओ की ड्यूटी भी रहेगी। वार्ड के लिए पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन खरीदने का भी प्रस्ताव है।
एक साथ 100 मरीजों को भर्ती करने की सुविधा
जिला महिला अस्पताल के पांच मंजिला भवन में 100 गर्भवती को एक साथ भर्ती करने की सुविधा है। नवजात बच्चों के इलाज के लिए सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट पहले से ही संचालित है। सिजेरियन प्रसव के लिए अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर उपलब्ध है। 10 प्राइवेट वार्ड भी संचालित हैं।
निर्मला साहू, सीएमएस जिला महिला अस्पताल



