एसडीएम को थप्‍पड़ मारने वाले नरेश मीणा कर्ज में डूबे, जेल में ही जानेंगे चुनाव नतीजे?

एसडीएम को थप्‍पड़ मारने वाले नरेश मीणा कर्ज में डूबे, जेल में ही जानेंगे चुनाव नतीजे?

-:विज्ञापन:-

राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में देवली उनियारा विधानसभा सीट चर्चा का विषय बनी हुई है। यहां 13 नवंबर को कांग्रेस के बागी और निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीना ने उपखंड अधिकारी अमित कुमार चौधरी को थप्‍पड़ जड़ दिया था।

उसके बाद अब नरेश मीणा जेल में है।

एसडीएम थप्‍पड़ कांड के दूसरे दिन 14 नवंबर को टोंक पुलिस ने नरेश मीणा को अरेस्‍ट किया। 15 नवंबर को न्‍यायालय में पेश किया, जहां से उसे 14 दिन के लिए जेल भेज गया है। इस बीच 23 नवंबर को देवली उनियारा उपचुनाव के मतों की गिनती की जाएगी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्‍या नरेश मीणा जेल से अपना चुनाव परिणाम जानेंगे?

 बात अगर नरेश मीणा की संपत्ति की करें तो ये कर्ज के बोझ तले दबे हुए है, जिसका खुलासा देवली-उनियारा चुनाव शपथ पत्र से हुआ है। नरेश मीणा पेशे में पेट्रोल पंप संचालक हैं। इन्‍होंने हिंदुस्तान पेट्रोलियम से लीज पर ले रखा है। नरेश मीणा के नामांकन हलफनामे के अनुसार, उनके पास 79 लाख रुपए की संपत्ति है। उनकी पत्नी सुनीता बारां में जिला परिषद सदस्य हैं और उनके पास करीब 20 लाख रुपए की संपत्ति है।

नरेश मीना के वित्तीय विवरण से पता चलता है कि उनके पास 1 लाख 30 हजार 500 रुपए नकद हैं, जबकि उनकी पत्नी के पास 85 हजार रुपए हैं। उनके पास एक स्कॉर्पियो और एक स्कूटी सहित कई वाहन हैं। 79 लाख रुपए की संपत्ति के मालिक होने के बावजूद नरेश पर 67 लाख 10 हजार 617 रुपए का कर्ज भी है।

नरेश मीना पर 10 धाराओं में केस

टोंक जिले की देवली-उनियारा उपचुनाव में 13 नवंबर को मतदान के दौरान समरावता के मतदान केंद्र के बाहर मालपुरा के एसडीएम अमित कुमार चौधरी को नरेश मीणा ने थप्‍पड़ मार दिया था। फिर नरेश मीणा के समर्थकों ने जमकर उत्‍पात भी मचाया। बतौर एरिया मजिस्ट्रेट उपचुनाव में तैनात एसडीएम अमित कुमार चौधरी की रिपोर्ट पर टोंक जिले के नगर फोर्ट थाने में दस गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही जनप्रतिनिधि अधिनियम

अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की गई है।

नरेश मीना के परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि

नरेश मीणा मूलरूप से बारां जिले के मोठपुर पुलिस थाना इलाके के रहने वाले हैं।इनके पिता कल्याण सिंह मीणा तीन दशकों तक गांव के सरपंच रहे। वर्तमान में उनकी मां सरपंच पद पर हैं। नवंबर 2023 में पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट न मिलने पर नरेश ने बारां के छबड़ा से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। वे 43,921 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे। भाजपा के पुष्पेंद्र सिंह सिंघवी 65,000 वोट पाकर जीते थे, जबकि कांग्रेस के करण सिंह 59,892 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे।