रायबरेली में नहरों की सफाई को लेकर गंभीर नहीं है सिचाई विभाग के अभियंता

रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)
मो-8573856824
नहरों की सफाई में मनमानी, टेल तक कैसे पहुंचेगा पानी
रायबरेली-सिंचाई विभाग के अभियंता नहरों की सफाई को लेकर गंभीर नहीं है। ठेकेदार नहरों की सफाई में खानापूर्ति कर धन डकारने में लगे हैं। सूत्र के मुताबिक कई नहरों की सफाई बिना टेंडर निकाले कराई जा रही है।
जिस तरह से नहरों की सफाई हो रही है, उससे टेल तक पानी शायद ही पहुंच सके। ऐसे में दो लाख किसानों को सिंचाई की समस्या से जूझना पड़ेगा।
इस बार 2100 किमी नहरों की सफाई होनी है। इसमें ज्यादातर नहरों पर बिना टेंडर के काम कराया जा रहा है। जिले में सबसे ज्यादा करीब दो लाख किसान सिंचाई खंड दक्षिणी की नहरों से सिंचाई करते हैं। नहरों की सफाई के लिए 15 दिन पहले टेंडर प्रक्रिया की गई है। जिन नहरों का टेंडर निकाला गया। उनकी सफाई की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं।
नहरों की सफाई में मनमानी की जा रही है। वहीं सिंचाई खंड दक्षिणी के अंतर्गत आने वाली उतरपारा, हनुमानगंज, बेनी काम, महुआरी, नरसवां, अदीलाबाद समेत अन्य नहरों की सफाई बिना टेंडर के कराई जा रही है।
सफाई के बाद झाड़ियों से पटी हरदासपुर माइनर
सदर तहसील क्षेत्र से होकर निकली हरदासपुर माइनर की सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति की गई है। ठेकेदार ने जेसीबी से सफाई कराई, झाड़ियां जस की जस है। जिस तरह सफाई कराई गई, उससे यह लगता है कि टेल तक पानी नहीं पहुंचेगा। किसान महेंद्र सिंह, धर्मेंद्र सिंह, संदीप, सुखलाल, छविनाथ पाल ने बताया कि हर साल माइनर की सफाई में खानापूर्ति की जाती है। इससे पूरे साल किसानों को निजी नलकूपों से सिंचाई करनी पड़ती है।
कैनाल व ड्रेनों की सफाई में हुआ खेल
दो महीने पहले डलमऊ पंप कैनाल और ड्रेनों की सफाई कराई गई। इन कार्यों में भी सरकारी धन का बंदरबाट किया गया। डीएम ने ड्रेन की सफाई में बरती गई मनमानी की जांच के निर्देश दिए, लेकिन अब तक जांच पूरी नहीं हो पाई। यही खेल अब माइनरों की सफाई में किया जा रही है।



