रायबरेली-धान खरीद केंद्रों पर किसानों का जमकर हो रहा है शोषण,जिम्मेदार है मौन

रायबरेली-धान खरीद केंद्रों पर किसानों का जमकर हो रहा है शोषण,जिम्मेदार है मौन

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रिपोर्ट-सागर तिवारी
मो-8742935637

ऊंचाहार-रायबरेली-क्षेत्र के धान खरीद केंद्रों पर किसानों का जमकर शोषण किया जा रहा है। किसानों को खरीद के लिए जहां लंबी-लंबी तारीखे दी जा रही हैं वहीं व्यापारियों का धान रात के अंधेरे में बिना डस्टर लगाए और बिना तौल किए सीधे अनलोड किया जा रहा है। केंद्रों पर तैनात अधिकारी इतने बेलगाम हैं कि किसानों का धान खरीदना तो दूर उनसे सीधे मुंह बात तक नहीं करते हैं ।क्षेत्र के दो खरीद केंद्रों का बीती रात व्यापारी का धान अनलोड करते हुए वीडियो वायरल हुआ है।वायरल वीडियो में पिकअप से धान की बोरियां उतारकर किसान की तौल की गई बोरियो के साथ लाट में लगाया जाता है। और उसके बाद सीधे ट्रक में लोड कर दिया जाता है। देर शाम पहला वाकया क्षेत्र के ऊंचाहार नगर के निकट खाद रसद विभाग द्वारा लगाए गए क्रय केंद्र पर देखने को मिला जहां रात के करीब 8:00 बजे एक पिकअप से धान अनलोड किया जा रहा है। वही दूसरा वीडियो बीकरगढ़ के केंद्र पर देखने को मिला जहां पर शाम 5:00 बजे किसानों को बिना खरीद किए बैरंग वापस कर दिया गया वहीं रात के 8:00 बजते ही व्यापारियों का धान पिकअप से आना शुरू हुआ और उसका भी एक वीडियो वायरल हुआ है सूत्रों के मुताबिक मिली खबर के अनुसार बताते हैं कि प्रत्येक किसान से प्रति कुंतल की दर से एक निश्चित राशि की मांग की जाती है। ना देने पर उनका धान नहीं लिया जाता उन्हें बैरंग वापस कर दिया जाता है। या तो उन्हें 1 महीने 2 महीने की तारीख दी जाती है। वहीं व्यापारियों का धान जबकि शासन के निर्देशानुसार शाम 5:00 बजे केंद्र बंद कर दिया जाता है उसके बाद उनका धान खरीदा जाता है और वह भी बिना डस्टर लगाए बिना तोल किए सवाल यह उठता है कि आखिर मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस की इस सरकार में भ्रष्टाचार इस कदर कैसे पनप रहा है और इसको कौन संरक्षण दे रहा है । बीकरगढ़केंद्र की शिकायत पर रात में पहुंचे तहसीलदार ने केंद्र की जांच की उस समय केंद्र प्रभारी वहां मौजूद नहीं पाई गई उनका सहायक आशीष वर्मा केंद्र पर मौजूद मिला जो स्टॉक रजिस्टर नहीं प्रस्तुत कर सका वही शुक्रवार की सुबह एसडीएम आशीष कुमार मिश्रा केंद्र का निरीक्षण किया और गंभीर खामियां पाए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि सुधार किया जाए अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। मौके पर मौजूद किसान राम लखन ने बताया कि जब वह अपने धान बेचने के लिए केंद्र पहुंचे तो पहले केंद्र प्रभारी से मुलाकात करना उनको मुश्किल पड़ गया उसके बाद जो मुलाकात हुई तो केंद्र प्रभारी ने उन्हें डांट कर भगा दिया वही रामनेवाज ने बताया कि जब वह अपना धान बेचने गए तो उन्हें 1 महीने बाद की तारीख दी गई जबकि उनकी बेटी की शादी होनी थी इस कारण से मजबूर होकर उन्होंने ₹1600 प्रति कुंतल की दर से बाजार में बेचना पड़ा इस बाबत उप जिलाधकारी ने बताया कि जांच में खामियां पाई गई हैं दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


*कैसे करते है गोलमाल*

1-जानकारी के मुताबिक पूरे दिन में तौल होती है।कुल 150 या 200 कुंतल लेकिन खारिज होता है।600 कुंतल यानी की किसानो के अंगूठे लगाने में खेल किया जाता है। यदि अंगूठा लगाने आने वाले लोगो और तौल होने वाले लोगो की निगरानी की जाय तो मामला पकड़ा जा सकता है।
2-जिन किसानों की तौल की जा रही है।यदि उनका धान के क्षेत्र फल का सत्यापन किया जाए तो भी सच्चाई सामने आ जाएगी । क्योंकि किसान के पूरे रकबे पर रिपोर्ट लगाई जा रही है। जबकि उसी किसान द्वारा धान की बुआई का रकबा कम होता है।