अखिलेश यादव को आजम-शिवपाल मिलन का डर खींच लाया रामपुर, ओपी राजभर का दावा

अखिलेश यादव को आजम-शिवपाल मिलन का डर खींच लाया रामपुर, ओपी राजभर का दावा

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योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और आजम खां की मुलाकात पर अलग ही दावा किया है। ओपी राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव की आजम खां से मुलाकात राजनीतिक मजबूरी का नतीजा है।

आजम खां 23 महीने जेल में रहे, लेकिन अखिलेश यादव एक बार भी मिलने नहीं गए। जेल से बाहर आते ही उनसे मिलने पहुंच गए। यह मुलाकात भी आजम खां की शर्तों पर हुई है। राजभर ने दावा किया कि अखिलेश को डर सता रहा है कि कहीं आजम खां और शिवपाल सिंह यादव मिलकर कोई खेल न कर दें। समाजवादी पार्टी में इन दोनों नेताओं की गहरी पकड़ है और अखिलेश को इसी टूट का भय है।

ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि आजम खां की सपा में अब भी वही हनक बरकरार है। उन्होंने कहा कि सपा में अब भी आजम की स्थिति मजबूत है। आजम खां की नाराजगी का असर सपा पर पहले ही दिख चुका है। आजम की गिरफ्तारी के बाद रामपुर की सीट सपा से छिन गई थी। अखिलेश ने तब चुप्पी साध ली थी, लेकिन अब वोट बैंक बचाने के लिए मुलाकात कर रहे हैं।

राजभर ने कहा कि आजम खां ने अभी तक बसपा या कांग्रेस में जाने की अफवाहों को खारिज नहीं किया है। उनका यह कहना कि अखिलेश मेरे घर आ रहे हैं, तो मैं अकेले मिलूंगा, मेरी पत्नी और बेटा नहीं मिलेंगे, यह बताता है कि परिवार और राजनीति दोनों में अब स्वतंत्रता की लकीर खिंच चुकी है। उन्होने आरोप लगाया कि आजम खां की शर्त थी कि अखिलेश उनके घर जाकर नाक रगड़ें और रामपुर जाकर अखिलेश ने यह राजनीतिक मजबूरी स्वीकार की। राजभर ने इस स्थिति को फिल्म शोले के डायलॉग "तेरा क्या होगा अखिलेश" से भी जोड़ा, यह संकेत देते हुए कि अब अखिलेश कमजोर स्थिति में हैं और आजम जैसे वरिष्ठ नेता की जरूरत महसूस हो रही है।