जौनपुर से लेकर लखनऊ तक के विभागीय अभिलेखों में कराया हेरफेर लखनऊ में सीएमएस बनने की चाहत बनी आफत

जौनपुर से लेकर लखनऊ तक के विभागीय अभिलेखों में कराया हेरफेर लखनऊ में सीएमएस बनने की चाहत बनी आफत

-:विज्ञापन:-

रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)
मो-8573856824

राज्यमंत्री की सिफारिश के बाद आरोपी एसीएमओ के दस्तावेज की जांच हुई तो हुआ खुलासा

 जौनपुर से लेकर लखनऊ तक के विभागीय अभिलेखों में कराया हेरफेर

लखनऊ में सीएमएस बनने की चाहत बनी आफत

रायबरेली-जन्मतिथि में हेरफेर कर चार साल अधिक नौकरी करने के मामले में अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. जीपी गुप्ता के आदेश पर मंगलवार को पूर्व एसीएमओ डॉ. दशरथ यादव के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया। सीएमओ डॉ. नवीन चंद्रा की तहरीर पर शहर कोतवाली पुलिस ने कार्रवाई की। विवेचना उप निरीक्षक जितेंद्र बहादुर सिंह को सौंपी गई है।

पूर्व एसीएमओ (अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी) मूल रूप से अंबेडकरनगर जिले के रतना गांव के रहने वाले हैं। अभी वह प्रतापगढ़ में रह रहे हैं। उनसे चार वर्ष के वेतन की रिकवरी भी कराई जाएगी। सीएमओ के अनुसार डॉ. दशरथ यादव की जन्मतिथि एक नवंबर 1958 है। सेवानिवृत्त होने का समय आया तो जौनपुर जिले में तैनाती के दौरान उन्होंने नवंबर 2020 में सरकारी अभिलेख में जन्म तिथि एक नवंबर 1963 करवा ली। इसके बाद वे स्थानांतरित होकर जुलाई 2023 में रायबरेली आ गए।

फरवरी 2024 में उन्होंने लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में सीएमएस के पद के लिए सिफारिश करवाई। आशंका होने पर उनके अभिलेखों की जांच कराई गई तो जालसाजी सामने आ गई।

रायबरेली। जौनपुर जिले से लेकर लखनऊ तक के विभागीय अभिलेखों में खेल करने वाले पूर्व एसीएमओ डॉ. दशरथ यादव भूल गए थे कि भर्ती होने के समय जमा किए गए आयोग में उनके सारे अभिलेख सुरक्षित रखे हैं। फर्जीवाड़ा कर चार साल अधिक नौकरी करने के बाद उनकी लालच इतनी बढ़ गई थी कि उन्होंने फरवरी 2024 में लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस पद के लिए दावेदारी ठोंक दी थी।

तत्कालीन एक राज्यमंत्री से मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) के पद के लिए सिफारिश भी कराई थी।यही 
सिफारिश उनके लिए आफत बन गई। आरोपी एसीएमओ ने जौनपुर में तैनाती के दौरान 2020 में मानव संपदा पोर्टल पर अपनी जन्मतिथि को एक नवंवर 1958 से बढ़ाकर एक नवंबर 1963 दर्ज कराई थी। जौनपुर के तत्कालीन सीएमओ की आईडी व पासवर्ड से जन्मतिथि के संशोधित होने के कारण 

शासन स्तर पर उनकी करतूत पकड़ में नहीं आ सकी।

वर्ष 2023 में तबादले की प्रक्रिया शुरू होने पर आरोपी एसीएमओ को शासन स्तर से जौनपुर से रायबरेली स्थानांतरित कर दिया गया। रायबरेली में सात माह तक नौकरी करने के बाद बलरामपुर अस्पताल में सीएमएस पद के लिए एक
राज्यमंत्री से सिफारिश करवाई थी। स्वास्थ्य मंत्री के आदेश पर तत्कालीन स्वास्थ्य महानिदेशक ने अपने कार्यालय में आरोपी एसीएमओ डॉ. दशरथ के अभिलेखों को चेक कराया तो वहां जन्मतिथि में अंतर मिला। मार्कशीट व अन्य अभिलेखों को चेक कराया तो जन्मतिथि में अंतर पकड़ा गया। 

पूर्व एसीएमओ डॉ. दशरथ यादव के
खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। विवेचना शुरू कराई गई है। जल्द ही पूर्व एसीएमओ कीगिरफ्तारी कराई जाएगी। - संजीव कुमार सिन्हा, (अपर पुलिस अधीक्षक रायबरेली)

पोर्टल पर संशोधन की व्यवस्था, हो रहा दुरुपयोग

मानक संपदा पोर्टल पर अपलोड कराए गए डॉक्टरों व अन्य स्टॉफ के डाटा में संशोधन करने की व्यवस्था है। पोर्टल की आईडी और पासवर्ड सीएमओ को दिया गया है, लेकिन देखने में आ रहा है कि सीएमओ बाबू को आईडी व पासवर्ड देकर काम करा रहे हैं। जौनपुर में भी यही किया गया, जिसमें आरोपी एसीएमओ डॉ. दशरथ यादव की जन्मतिथि में हेरफेर कर मानक संपदा पोर्टल पर गलत जन्मतिथि अपलोड कर दी गई। इसी कारण मामला पकड़ में न आने से चार साल तक आधीक नौकरी कर ली