रायबरेली - सत्संग से परिवर्तित होता है जीवन का मार्ग : स्वामी ज्योतिर्मयानंद सरस्वती जी

रायबरेली - सत्संग से परिवर्तित होता है जीवन का मार्ग : स्वामी ज्योतिर्मयानंद सरस्वती जी

-:विज्ञापन:-

रिपोर्ट - अमन श्रीवास्तव 
मो - 8115983620

रायबरेली: श्री दैवी संपद मंडल आश्रम राधा कृष्ण मंदिर के 86 में वार्षिकोत्सव में प्रथम दिन आयोजित प्रवचन सत्र में अनेक वक्ताओं ने मंच से  संबोधित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए श्री शैलेंद्र शास्त्री जी ने बाली सुग्रीव श्री राम जी की मैत्री का प्रसंग सुनाते हुए कहा जो धन-धन धाम व मित्र परिवार सबको एक किनारे कर प्रभु की शरण में आता है उसका परम कल्याण होता है! उसके बाद श्री स्वामी शिवानंद जी महाराज ने बताया की संतों की बात-बात में ही बात होती है उनके विचारों में परम सार छिपा होता है जो अनुकरणीय तथा ग्रहण करने योग्य होता है। मंच का कुशल संचालन कर रहे आचार्य श्री नरेश चंद्र शास्त्री जी ने बताया ईश्वर के साथ ही ऐश्वर्य आता है, जब आप ईश्वर के साथ जोड़ते हैं तो आपके समस्त कामनाएं पूर्ण हो जाती है, भगवान शंकर से संस्कृति तथा संस्कृति दोनों की उत्पत्ति हुई है इस विषय पर भी रोचक प्रकाश डाला। उरई जालौन से पधारी मानस मर्मज्ञ सुश्री मिथिलेश्वरी देवी जी ने बताया कि ईश्वर के प्रति समर्पित होने पर निश्चित ही भगवत कृपा प्राप्त होती है जीवन में अनेक बार भगवान के दर्शन अनेक रूपों में हो जाते हैं किंतु असावधान होने के कारण जान नहीं पाते। 
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए परमाध्यक्ष स्वामी ज्योर्तिमय्यानंद सरस्वती जी ने कहा कि हमें जीवन में सजग होना चाहिए और यह सजगता संतों के विचारों के श्रवण से ही आती है, संत ही हमें कुपन्थ पर जाने से सावधान करते हैं, सत्संग से ही जीवन की दशा बदलती है, कल कल हरिद्वार से पधारे महामंडलेश्वर स्वामी श्री रामेश्वरानंद सरस्वती जी ने अध्यक्षीय उद्बोधन प्रदान करते हुए कहा की जीवन का एक-एक पल बहुत कीमती है तथा यह प्रतिक्षण कम हो रहा है, माया के कुछ चक्र में ना पढ़ते हुए महापुरुषों के सानिध्य में सतत मूल्यांकन करते हुए जीवन की सार्थकता को सिद्ध करना चाहिए। कार्यक्रम में भागवत कथा मर्मज्ञ संत श्री गोपाल शरण जी, स्वामी विज्ञानानंद  जी महाराज, श्री डीपी शर्मा जी, ठाकुर सिंह जी, आत्मप्रकाश देवा त्रिपाठी, श्रीमती शिशिर शुक्ला, श्रीमती गीता देवी, सौरभ शुक्ला, पुजारी मोनू जी आदि समस्त भक्तों  की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
 यह संत सम्मेलन सायं 4 से 8 राधा कृष्ण मंदिर छोटी बाजार में दिनांक 11 नवंबर से 14 नवंबर तक आयोजित हो रहा है जिसमें आप सब अधिक से अधिक संख्या में आकर अपने जीवन को कृतार्थ करें।