रायबरेली-ऊंचाहार के धौरहरा गांव के पास केमिकल से रात में बनाई जा रही नकली पनीर

रायबरेली-ऊंचाहार के धौरहरा गांव के पास केमिकल से रात में बनाई जा रही नकली पनीर

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    रिपोर्ट-सागर तिवारी

ऊंचाहार-रायबरेली-सहालग में  पनीर की मांग बढ़ी हुई है । ऐसे में धीमा जहर जहर युक्त नकली पनीर बाजार में उपलब्ध है । इसका निर्माण ऊंचाहार सलोन मार्ग पर धौरहरा गांव के सामने रात के अंधेरे ने हो रहा है । जिम्मेदार जानबूझकर आंखें बंद किए हुए है ।
         इस समय मांगलिक कार्यक्रमों की धूम है । इन कार्यक्रमों में पनीर के व्यंजन लोग बड़े शौक से खाते रहे हैं । आपको पता नहीं होगा कि इसमें आप जो पनीर खा रहे है , वह धीमा जहर है , जो विभिन्न रसायनों से बनकर तैयार हुआ है । एक काला धंधा ऊंचाहार क्षेत्र के सलोन मार्ग पर धौरहरा गांव के पास हो रहा है । झाड़ियों के मध्य इसकी पूरी फैक्ट्री है । जहां पर अभी तक रात दिन नकली पानी बनाई जाती थी । अब इधर एक माह से दिन में यह फैक्ट्री बंद रहती है , किंतु अंधेरा होते ही यह गुलजात हो जाती है । यहां रात भर नकली पनीर बनाकर सुबह होते ही विभिन्न दुकानदारों के यहां पहुंचा दी जाती है । मजेदार बात यह है कि इसे करीब डेढ़ सौ रूपये किलो की दर से दुकानदारों को दिया जाता है , जहां से दो सौ से लेकर ढाई सौ रुपए प्रति किलो की दर से उपभोक्ताओं को बेचा जाता है । सहालग में इसकी काफी मांग बढ़ी हुई है । बताया जाता है कि इस फैक्ट्री में रोज करीब सौ क्विंटल नकली पनीर तैयार होती है ।

इस तरह बनाई जाती है नकली पनीर 

नकली पनीर बिना दूध के रासायनिक पदार्थों द्वारा तैयार होती है । इसमें कई खतरनाक केमिकल मिलाए जाते हैं जो स्वास्थ के लिए हानिकारक है । एक जानकार ने बताया कि नकली पनीर के घटकों में पानी, वनस्पति वसा, रेनेट कैसिइन, इमल्सीफाइंग नमक, सोडियम क्लोराइड और एक परिरक्षक शामिल होते हैं (ओ'रिओर्डन, डुग्गन, ओ'सुलिवन, और नोरोन्हा का उपयोग किया जाता है।