रायबरेली-एनटीपीसी से निकलने वाली राख वातावरण में घोल रही जहर, ग्रामीण परेशान,,,

रायबरेली-एनटीपीसी से निकलने वाली राख वातावरण में घोल रही जहर, ग्रामीण परेशान,,,

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रिपोर्ट-सागर तिवारी


ऊंचाहार-रायबरेली- एनटीपीसी राख रूपी जहर उगल रही है। इससे आसपास का ग्रामीण जीवन प्रभावित है।  यूनिट से निकलने वाली राख के गुबार से न सिर्फ कई प्रकार की बीमारियां हो रही हैं अपितु लोगों को जान तक का खतरा है। घरों की छत समेत फूल पत्तियां, पेड़ पौधे भी पर राख के दुष्परिणाम से अछूता नहीं है। इनपर भी राख की मोटी परत जमी है। 
         यूं तो एनटीपीसी कोयले  और राख उगलने में अग्रणी है। किन्तु सप्ताह दो से चार दिन एनटीपीसी की इकाइयों से खतरनाक राख ओर कोयला छोड़ दिया जाता है। जो आसपास के घरों में घुसती है। यही राख बाहर सूखने के लिए फैले कपड़ों पर जमती, पेड़ पौधों पर यहां तक कि छतों पर रखी खाने पीने की वस्तुओं में मिल जाती है। यही कई प्रकार से मनुष्य के शरीर के प्रवेश कर जाती है। सबसे ज्यादा फरीदपुर, बिकई, पुरवारा, बभनपुर, सराएं सहिजन समेत प्लांट बॉउंड्री से लगे सभी गांव राख और कोयले से प्रभावित हैं। इस गाँव के लोग राख और कोयला फांकने को। मजबूर हैं। 
सोमवार की रात से मंगलवार की सुबह तक एनटीपीसी ने तो हद कर दिया। पूरी रात राख का भीषण गुबार से धुंध छा गया।  लोगों का जीना मुश्किल हो गया राहगीर मुंह ढक कर निकलते रहे। ग्रामीण राजू सिंह, बाबू लाल  अजय कुमार, राजाराम, भूपेन्द्र श्रीवास्तव, रामदेव,मनोज कुमार ने बताया कि एनटीपीसी की राख से हम सब परेशान हैं। राख और कोयला फांकने की मजबूर हैं। हमारे रिश्तेदार घर आने परहेज करते हैं। शिकायत के बावजूद न ही एनटीपीसी प्रबन्धक कोई सुध लेता है और न ही प्रशासन कोई कई कार्रवाई करता है। गाँव के लोग गम्भीर बीमारियों की चपेट में गए हैं।