रायबरेली- हैलो मैं ऊंचाहार सिपाही बोल रहा अपना घर बनना है तो हमसे मिलो नहीं तो,, ,,,,?

रायबरेली- हैलो मैं ऊंचाहार सिपाही बोल रहा अपना घर बनना है तो हमसे मिलो नहीं तो,, ,,,,?

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रिपोर्ट-सागर तिवारी 

क्या लेखपाल वा तहसीलदार की आख्या को ऊंचाहार कोतवाली में कोई मायने नहीं, वाह रे पुलिस,,,,? 

ऊंचाहार-रायबरेली-हैलो...... गंगाराम बोल रहे हो?....... मैं थाने का दीवान बोल रहा हूँ...... अपना निर्माण कार्य रोक दो। तुम्हारे पास किसी भी राजस्व अधिकारियों की रिपोर्ट हो की मायने नहीं रखता तुम पहले कोतवाल साहब से आकर मिलो उसके बाद कोई निर्माण करना। लो कोतवाल साहब से बात करो।.......ये बोल हैं कोतवाली के एक हल्का सिपाही के। दरअसल एक संक्रमणीय भूमिधर को अपने ही भूमि निर्माण में पुलिस आवश्यक परेशान कर रही है। हल्का लेखपाल के रिपोर्ट आख्या के बाद भी पुलिस भूमिधर को निर्माण करने से रोक देती है। उसे हल्का सिपाही उसे बार बार करके कोतवाल से मिलने के बाद निर्माण करने की धमकी हिदायत दे रहे हैं। 
       मामला कोतवाली क्षेत्र के बेहरामऊ मऊ का हैं। गांव के गंगाराम की  भूमि गाटा संख्या 107 मि./ रकबा 0.126 हेक्टेयर पर वह अपने घर का निर्माण कर रहे है। चार दिवारी उठ गई है हत्ता कि शटरिंग लग भी गई। किन्तु आरोप है कि   विपक्षी के इशारे पर पुलिस भूमिधर को बेजा परेशान कर रही है। उसे बार बार फोन पा कोतवाली आकर बड़े साहब से मिलने के बाद निर्माण करने की हिदायत जा रही है। पीड़ित गंगाराम का कहना है कि अधिकारियों से शिकायत के बाद हल्का लेखपाल अभिषेक पाल अपनी रिपोर्ट आख्या में साफ तौर पर लिखा है कि पीड़ित गंगाराम अपना कच्चा माकान ध्वस्त कर पक्का निर्माण कर रहा है।  विपक्षी कथित तौर पर रास्ता मांग रहे हैं। बावजूद इसके पुलिस पीड़ित को फोन कर परेशान कार रही है। पीड़ित ने बताया कि यदि पुलिस ऐसे ही परेशान करती रही तो वह पुलिस महानिरीक्षक से की चौखट पर जाकर पुलिस की शिकायत करेंगे।