रायबरेली-इमामबाड़ा कब्रिस्तान की भूमि पर बनी दूकानों के आवंटन में हुए बडें घोटाले जाने कैसे

रायबरेली-इमामबाड़ा कब्रिस्तान की भूमि पर बनी दूकानों के आवंटन में हुए बडें घोटाले जाने कैसे

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रिपोर्ट-सागर तिवारी 

ऊंचाहार/रायबरेली- रायबरेली में इमामबाड़ा कब्रिस्तान की भूमि पर बनी दूकानों के आवंटन में हुए घोटाले की परतें खुलने लगी हैं। दशकों से चले आ रहे इस घोटाले में एक ही परिवार पर स्थानीय वक्फ के सदस्य मेहरबान हैं। 
        नगर के कोतवाली रोड से लगकर स्थित इमामबाड़ा कब्रिस्तान की भूमि पर बनी दूकानों में एक ही परिवार के लोगों चार से अधिक दुकानें आवंटित की गई हैं। जिसे आप पैतृक आवंटन भी कह सकते हैं। सरकारी मुलाजिम पिता के नाम से आवंटित दुकानें अब बेटों के नाम आवंटित हैं। मजे की बात तो यह है कि जिनके नाम दुकानें हैं वह कई दुकानों को किराए पर देकर खुद मोटी रकम डकार रहे हैं। जबकि यह रकम वक्फ को जानी चाहिए। समझने वाली बात है कि जिन्हें दुकानों की आवश्यकता नहीं है तो उन्हें दुकानें क्यों आवंटित की गई। जबकि जरूरत मन्दों की यह दुकानें आवंटित होनी चाहिए थीं। यहां एक बात उल्लेखनीय है कि पिता के समय से चली आ रही आवंटित दुकानें अब फल फूल रही हैं मतलब दशकों से दुकानों पर काबिज कथित दुकान स्वामी अब वक्फ की भूमि पर कब्जा करने की नियत से वक्फ की भूमि सुरक्षित करने की आड़ में उसपर निर्माण कराना चाहते हैं जो वक्फ नियमों का सीधे तौर पर उलंघन है। इतना ही नहीं यहाँ एक विधवा बुजुर्ग महिला एक लम्बे अरसे से अपना कोयले का कारोबार कर रही है। जिसपर इन गिद्धों की नज़र पड़ी और उसपर ग्रहण लगना तय है। हालांकि उनका मामला थाने स्तर तक पहुंच चुका है जिसपर दोनों के मध्य समझौता भी हो गया है। बताते हैं समझौते को दरकिनार कर गिद्ध स्थानीय प्रशासन के कुछ मुलाजिमों की साठगांठ कर फिर उसपर निर्माण कार्य करने की फिराक में हैं। आर एक्स्प्रेस पर बने रहे हमारे साथ विस्तृत खबर के साथ मिलते हैं अगले अंक में