रायबरेली-स्मार्ट मीटर लगने के बाद नहीं बन पा रहे बिजली बिल , उपभोक्ताओं पर बढ़ रहा भार,,,

रायबरेली-स्मार्ट मीटर लगने के बाद नहीं बन पा रहे बिजली बिल , उपभोक्ताओं पर बढ़ रहा भार,,,

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    रिपोर्ट-सागर तिवारी

ऊंचाहार-रायबरेली- विद्युत व्यवस्था सुदृढ़ किए जाने को लेकर लोमस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कस्बा से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर सर्वेक्षण कर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। कर्मचारियों द्वारा उपभोक्ताओं के परिसर से  पुराने मीटर को हटाकर स्मार्ट मीटर तो लगा दिया गए, लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते गत तीन महीनों से उनका बिजली का बिल नहीं बन पा रहा है। इससे इकट्ठा बकाया भार पड़ने को लेकर उपभोक्ताओं में बिजली विभाग के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है।
       विद्युत वितरण खंड अंतर्गत 81 हजार 790 उपभोक्ता हैं। विभाग द्वारा विद्युत चोरी रोकने के साथ उपभोक्ताओं को सहूलियत देने के लिए कस्बा से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में पोलराइज कंपनी के स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। मीटर लगाने की जिम्मेदारी विद्युत विभाग की सहयोगी लोमस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दी गई है। जिसके द्वारा सर्वेक्षण की प्रक्रिया पूर्ण कर लगभग 800 उपभोक्ताओं के परिसर से पुराने मीटर हटाकर नए स्मार्ट मीटर तो लगा दिए गए। लेकिन विभाग की उदासीनता के चलते पिछले तीन महीने से उनका बिजली का बिल नहीं बन पा रहा है। कस्बा निवासी नीलम पांडेय, सुधा शुक्ला, गायत्री जायसवाल, सगीरून निशा, मोहम्मद यूसुफ, दमन त्रिपाठी, मोहम्मद शाहिद, श्रीकांत, मोहम्मद एजाज, विनोद कुमार कौशल, रमेंद्र कुमार, राजकिशोर का कहना है कि दिसंबर माह में कर्मचारियों द्वारा उनके परिसर पर लगे पुराने मीटर को हटाकर स्मार्ट मीटर लगा दिया गया। लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते अभी तक आनलाइन नहीं हो सका। ऐसे में रीडर आते हैं और  जांचने के बाद बिना बिल बनाए वापस लौट जाते हैं। जिसकी वजह से रीडिंग उनके मीटर में स्टोर होती जा रही है। जिससे प्रतिमाह उन पर बकाया बढ़ता जा रहा है। विद्युत वितरण खंड के अधिशासीअभियंता धीरेंद्र सिंह ने बताया कि थोड़ा तकनीकी दिक्कत के कारण बिजली बिल रुके हैं। जल्द ही बिजली बिल भेजे जाएंगे।