रायबरेली-गंगा को मैला कर रहा एनटीपीसी का नाला , अधिकारियों ने देखी हकीकत

रायबरेली-गंगा को मैला कर रहा एनटीपीसी का नाला , अधिकारियों ने देखी हकीकत

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रिपोर्ट-सागर तिवारी

ऊंचाहार , रायबरेली - एनटीपीसी से मैला लेकर निकल रहा नाला मां गंगा का दामन गंदा कर रहा है । लंबे समय से इसका प्रदूषण न सिर्फ गंगा अपितु पर्यावरण के लिए घातक है । अब इस ओर भारत सरकार की वैधानिक संस्था नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने संज्ञान में लिया है और गुरुवार को अधिकारियों की टीम ने मौके का निरीक्षण किया है।
 ज्ञात हो कि लंबे समय से एनटीपीसी से निकलने वाले नाले की गंदगी मां गंगा को मैला कर रहा है । इस नाले में एनटीपीसी का कोयला युक्त काला पानी , आवासीय परिसर में घरों से निकलने वाला कीचड़ शामिल होता है । इसको लेकर समय समय पर स्थानीय लोग आवाज बुलंद करते रहे हैं किंतु अभी तक शासन स्तर से कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है । अब इसमें नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने हस्तक्षेप किया है । नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ( एंजी ) भारत में एक वैधानिक निकाय है जो पर्यावरण संरक्षण और अन्य प्राकृतिक संसाधनों से संबंधित मामलों के शीघ्र निपटान से संबंधित है। इसकी स्थापना 2010 में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम के तहत की गई थी। बताया जाता है कि एनजीटी के निर्देश पर गुरुवार को जिला गंगा समिति के परियोजना निदेशक संजय कुमार  अपनी टीम के साथ क्षेत्र के शहावपुर अरखा गांव के पास गंगा नदी में पहुंचे और गंगा में गिर रहे एनटीपीसी के नाले को देखा। जहां पर कई किमी तक नाले का गंदा पानी गंगा के ऊपरी सतह पर छाया हुआ था । टीम ने मौके की वीडियोग्राफी की है । यह रिपोर्ट एनजीटी को भेजी जाएगी । उधर एनटीपीसी के जनसंपर्क अधिकारी ऋषभ शर्मा का कहना है कि टीम के आने की कोई जानकारी नहीं है ।
     इसके अलावा टीम ने विकास खण्ड के कोटरा बहादुरगंज, कल्याणी, तीर का पुरवा, खरौली, गोकर्ण गंगा घाट गोकना का निरीक्षण किया। यह निरीक्षण गांवों से निकलने वाले नालों ठोस गंदगी पोलीथीन इत्यादि से गंगा नदी में प्रवाहित होने वाले कचरों के प्रबंधन की प्रक्रिया को मापने और इसके लिए अपनाए जा रहे उपायों की जानकारी जुटाने के उद्देश्य से किया गया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि ठोस कचरे का सही तरीके से निस्तारण नहीं किया जा रहा है, जिससे पर्यावरणीय संकट उत्पन्न हो रहा है। बाबा जमादार मन्दिर के समीप ठोस कचरों का ढेर पाया गया जो मंदिर परिसर को प्रदुषण युक्त बना रहा है। इस दौरान ग्राम पंचायत बहादुरगंज के प्राथमिक विद्यालय के मुख्य द्वार पर ढेर सारे ठोस कचरे का अंबार दिखा, जो पढ़ने वाले बच्चों के लिए स्वास्थ्य जोखिम का कारण बन रहा है । यह कचरा न केवल बच्चों के लिए, बल्कि पूरे गांव के लिए एक बड़ी समस्या बन रहा है। वहीं, गांवों से गंदी नालियाँ सड़क पर प्रवाहित हो रही थीं, जो सीधे गंगा नदी में मिल रही थीं, जिससे नदी की स्वच्छता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था।
      संजय कुमार ने इस समस्या के समाधान के लिए ग्राम पंचायत और स्थानीय प्रशासन से सख्त कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने गंगा नदी को स्वच्छ और प्रदूषणमुक्त रखने के लिए ग्रामीणों को जागरूक करने के महत्व को भी रेखांकित किया। इस मौके पर माँ गंगा गोकर्ण गंगा सेवा समिति के सचिव, जितेन्द्र द्विवेदी भी मौजूद थे ।