'भोमा' नाटक ने उकेरीं किसानों की समस्याएं

'भोमा' नाटक ने उकेरीं किसानों की समस्याएं

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रिपोर्ट - अमन श्रीवास्तव 
मो - 8052357765

- फिरोज गांधी कॉलेज सभागार परिसर में चल रहे आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी पुस्तक मेले में मंचित हुआ नाटक

रायबरेली- फिरोज गांधी कॉलेज सभागार परिषद में चल रहे आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी स्मृति पुस्तक मेले में बादल सरकार द्वारा लिखे और संतोष डे द्वारा निर्देशित नाटक 'भोमा' ने किसान समस्याओं को गंभीरता के साथ उकेरकर दर्शकों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया। 
   नाटक की शुरुआत भूमिहीन किसान भोमा से होती है जिसे खेत में बुआई के लिए बीज, सिंचाई के लिए पानी की जरूरत है। उसके बिना उसके खेत बंजर रह जाते हैं और भोमा भूख से विचलित जीवन जी रहा है। नाटक राजनीतिक और सामाजिक विद्रूपता को सामने रखते हुए किसान समस्याओं पर फोकस करता है। 
   किसान एवं हाशिए में पड़े लोगों को केंद्र में रखकर उनके दशा और परिस्थितियों पर आधारित संवाद बोलते हुए नाट्य कर्मी संतोष चौधरी, जनार्दन मिश्र, रेनू श्रीवास्तव, रामदेव शर्मा, लवकुश, रमेश यादव और निर्भय श्रीवास्तव ने विभिन्न भूमिकाएं निभाते हुए प्रभावी छाप छोड़ी। रंगकर्म अपने अभिनय से एक शब्द चित्र गढ़ते चले जाते हैं। उकेरे गए इन शब्द चित्रों को विजुलाइज करने के लिए दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। 
बादल सरकार द्वारा रचित  भोमा इतना कंपैक्ट नाटक है कि किसी तरह के परिवर्तन की संभावना नहीं, फिर भी कोशिश जारी है। बादल सरकार द्वारा रचे गए शब्द चित्र वास्तव में रोमांचित करने के साथ ही अभिभूत करने वाले हैं। अंत में समस्या खड़ी हो जाती है कि जो भोमा सो रहा था वह पूरी तरह जागा या नहीं।    
    बादल सरकार के जन्म शताब्दी वर्ष में उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप मंचित यह नाटक दर्शकों पर अपना प्रभाव छोड़ने में पूरी तरह सफल रहा। इस मौके पर समाजसेवी अरविंद श्रीवास्तव, श्रीमती छाया शुक्ला, दिनेश शुक्ला, रघुनाथ प्रसाद द्विवेदी, आनंद स्वरूप श्रीवास्तव राजीव भार्गव, रजनी सक्सेना, विशाली सिंह, प्राची सिंह, अमित यादव, अंशिका आदि मौजूद रहीं। 

नाटक की कथावस्तु आज भी प्रासंगिक : सतीश

मुख्य अतिथि परियोजना निदेशक सतीश मिश्रा एवं रही के ब्लॉक प्रमुख धर्मेंद्र यादव ने सभी कलाकारों का बुके देकर स्वागत किया। श्री मिश्र ने कहा कि नाटक की कथावस्तु आज भी प्रासंगिक है। नाटक कर्मियों की प्रभावी प्रस्तुति ने इसमें नई जान डाल दी। ब्लॉक प्रमुख श्री यादव ने कहा कि पुस्तक मेले का आयोजन सर्वथा अभिनंदनीय है। मेले में प्रतिदिन सांस्कृतिक-साहित्यिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति जिले में एक नए वातावरण का सृजन करेगी।