रायबरेली -बिना परमिट दो बार सीज होने के बाद भी बच्चे ढो रही थी प्रियदर्शिनी स्कूल की वैन
रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)
मो-8573856824
रायबरेली-भदोखर थाना क्षेत्र के जमालपुर में शुक्रवार को हादसे का शिकार हुई वैन पर पूर्व में दो बार कार्रवाई हो चुकी है। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) मनोज कुमार सिंह ने वैन को सीज कर थाने में बंद करा दिया था, लेकिन स्कूल संचालक ने जुर्माना जमा कर वैन को छुड़ा लिया और फिर से बच्चों को ढोने में लगा दिया।बच्चों को वैन से स्कूल लाने से प्रबंधक को रोका भी गया था। हादसे के बाद शुक्रवार शाम यात्री कर अधिकारी रेहाना बानों ने भदोखर थाने में स्कूल प्रबंधक के खिलाफ तहरीर दी है।
जिले में स्कूलों के संचालक मनमाने तरीके से बिना परमिट के वाहनों से बच्चों को स्कूल लाते हैं और घर भेजवाते हैं। शुक्रवार को जमलापुर के पास हादसे का शिकार हुई वैन को एआरटीओ ने पिछले दो माह में दो बार पकड़ कर सीज किया था। स्कूल पहुंचकर प्रबंधक को संबंधित वैन को संचालित न करने का निर्देश भी दिया था, लेकिन इसके बाद भी स्कूल संचालक की मनमानी नहीं रुकी। वैन का स्कूल में संचालन कराने का परमिट भी नहीं था। हालांकि, बीमा, प्रदूषण और फिटनेस वर्तमान समय में वैध था। भदोखर एसओ दयाशंकर तिवारी ने बताया कि प्रियदर्शिनी स्कूल के प्रबंधक के खिलाफ यात्री कर अधिकारी ने तहरीर दी है। नियमानुसार कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हादसे के मामले में दर्ज मुकदमे की विवेचना में इस तहरीर को भी शामिल किया जाएगा।
स्कूलों में बिना परमिट वैन का हो रहा उपयोग
ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में बिना परमिट की वैन का उपयोग बच्चों को स्कूल लाने और घर पहुंचाने में किया जा रहा है। स्कूल संचालक निजी वाहनों का व्यवसायिक उपयोग करके मोटी कमाई कर रहे हैं, लेकिन निजी वाहनों से बच्चों को लाने में हर माह टैक्स जमा नहीं करना पड़ता। ऐसा कर स्कूल संचालक बच्चों की जान के दुश्मन बने हुए हैं।
हर माह 200 से अधिक चालानजिले में हर माह स्कूलों में बिना परमिट के संचालित 200 से अधिक वाहनों का चालान होता है। 50 से अधिक वाहनों को बंद भी किया जा रहा है, लेकिन स्कूल संचालकों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है। एआरटीओ मनोज कुमार सिंह का कहना है कि हर रोज स्कूली वाहनों पर कार्रवाई की जाती है। अभियान चलाकर बिना परमिट के स्कूलों में संचालित वाहनों पर कार्रवाई की जाएगी।



