रायबरेली-एनटीपीसी के श्रमिकाें के आगे आखिरकार एनटीपीसी प्रबन्धन को पड़ा झुकना

रायबरेली-एनटीपीसी के श्रमिकाें के आगे आखिरकार एनटीपीसी प्रबन्धन को पड़ा झुकना

-:विज्ञापन:-

रिपोर्ट-सागर तिवारी

ऊंचाहार/रायबरेली- न्यूनतम मजदूरी के भुगतान समेत अन्य कई मांगों को लेकर आन्दोलन कर रहे एनटीपीसी के श्रमिकाें के आगे आखिरकार एनटीपीसी प्रबन्धन को झुकना पड़ा। देर शाम अधिकारियों से बातचीत के बाद  लिखित आश्वासन पर श्रमिकों ने धरना समाप्त कर दिया। 
       एनटीपीसी के श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी के पूर्ण भुगतान की मांग है। उनका आरोप है कि कागज पर उनके खाते में पूरा भुगतान किया जाता है ,किंतु ठेकेदार उनसे आधा भुगतान वापस ले लेता है। जब कोई श्रमिक उनका विरोध करता है तो, उसे सेवा से निकाल देने की धमकी दी जाती है। इस बात को लेकर श्रमिक कई दिन से एनटीपीसी अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रहे थे।सोमवार की सुबह एनटीपीसी संयंत्र क्षेत्र के मुख्य गेट पर श्रमिकों ने जमकर हंगामा काटा ओर माँग किया कि एनटीपीसी द्वारा एक निगरानी कमेटी गठित करके उनके भुगतान तथा अन्य लाभ सुनिश्चित करने की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाए। इसके अलावा डिस्पेंसरी को संयंत्र क्षेत्र में स्थापित करने के साथ एनटीपीसी के कोल हैंडलिंग प्लांट में काम करने वाले श्रमिकों को कोयला से होने वाले दुष्प्रभाव से बचने के लिए गुड़ , साबुन आदि की व्यवस्था की जाए ।इसी बात को लेकर कई घंटे तक श्रमिकों ने मुख्य गेट पर हंगामा किया और भविष्य में इस आंदोलन को और तेज करने की रणनीति बनाई है। देर शाम तक चल रहे धरना प्रदर्शन के चलते परियोजना का कार्य प्रभावित होने के चलते परियोजना एचआर डीजीएम विजय कुमार समेत अन्य अधिकारियों ने मजदूर संघ से समय मांगा और आश्वासन दिया कि एक माह के भीतर समस्या का समाधान कर दिया जाएगा। मजदूर संघ के अध्यक्ष कमलाकाँत पाण्डेय ने आश्वासन पर धरना समाप्त कार दिया और कहा कि यदु एक माह में समस्या के समाधान न हुआ तो फिर से धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे।
इस अवसर पर मुख्य रूप से अर्जुन , अखिलेश , आशीष , रामसजीवन यादव ,  शशिकांत , अरविंद तिवारी , विजय कुमार , मेवालाल , प्रमोद कुमार , संदीप कुमार , संतोष कुमार , उमेश कुमार समेत बड़ी संख्या में श्रमिक मौजूद रहे।