रायबरेली-सवैया राजे गांव में हुए अवैध खनन के मामले में क्यो कार्रवाई करने से कतरा रहे अधिकारी,,,,,?

रायबरेली-सवैया राजे गांव में हुए अवैध खनन के मामले में क्यो कार्रवाई  करने से कतरा रहे अधिकारी,,,,,?

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रिपोर्ट-सागर तिवारी 


ऊंचाहार-रायबरेली- शुक्रवार की रात हो रहे अवैध खनन के मामले में तहसील प्रशासन की कार्यवाही पर प्रश्रचिन्ह लग गया है।क्षेत्र में लोगे में तरह तरह की चर्चाएं हो रही बताते चले कि एकचर्चित रेस्टोरेंट के मालिक व खनन में लगे अन्य एक दर्जन डंफरों व जेसीबी मशीन तथा खेत के मालिक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कीजा रही हैं।। जो इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। अलबत्ता कार्रवाई के नाम पर एक डंफर को सीज कर प्रशासन अपनी पीठ  थपथपा रहा है। सूत्रों के मुताबिक क्षेत्र में पुलिस व तहसील के एक उच्च अधिकारी की मिलीभगत से अवैध मिट्टी खनन करने वालो की चांदी है। जबकि गांव के किशान गरीब एक-एक ट्राली मिट्टी के लिए परेशान हैं। जबकि सरकारी नियमों के मुताबिक निजी उपयोग के लिए कोई भी किसान 3 फीट मिट्टी निकाल सकते हैं। जिसके लिए खनन विभाग से किसी परमीशन की जरूरत नहीं है। इसके बावजूद किसानों को परेशान किया जाता है। और उनसे भी मोटी रकम की मांग की जाती है।वहीं साठगांठ के चलते  रसूखदार व मिट्टी माफियाओं को इस अवैध कार्य का खुला संरक्षण मिल जाता है। इन दिनों मुख्यमंत्री की अति महत्वाकांक्षी परियोजना गंगा एक्सप्रेस वे का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। जिसमें मिट्टी भराई का कार्य किया जा रहा है। सरकार ने एक्सप्रेस वे को मिट्टी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के जिला प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं कि मिट्टी की पर्याप्त व्यवस्था की जाय। इसी का फायदा अधिकारी उठा कर उसी की आड में दूसरे लोगों को भी मिट्टी खनन की एक मोटी रकम लेकर मौन स्वीकृति दे रहे हैं। नतीजतन क्षेत्र में मिट्टी खनन माफियाओं की बाढ़ सी आ गई है। जो  जरूरत मंद से मिट्टी की मुंहमांगी रकम वसूल रहे हैं। जबकि जरूरत मन्द किसान अपने उपयोग के लिए भी मिट्टी को तरस रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि अवैध खनन में लगी जेसीबी मशीन व अन्य डंफरों को अधिकारियों ने निकल जाने दिया। जबकि खानापूर्ति के लिए एक डंफर को सीज कर दी। तो  मालिक के खिलाफ अवैध खनक का मुकदमा आखिर क्यो नही दर्ज गराया गया इससे यह साफ जाहिर होता है कि प्रशासन की पूरी मिली भगत थी । सूत्रों के मुताबिक तहसील के एक उच्चअधिकारी  व पुलिस के सहयोग से क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर अवैध मिट्टी माफिया सक्रिय हैं। जो रात के अंधेरे में धरती का सीना फाड़कर मालामाल हो रहे हैं। क्योंकि खनन पर रोक के चलते मिट्टी की कीमत अनमोल हो गई है। अब सवाल यह उठता है क्या इस मामले में उच्च अधिकारी कोई कार्रवाई करते है यह एक रेस्टोरेंट रसूखदार संचालक के आगे प्रशासन भी बौना हो जाता है।