हरियाणा में जिम से घर लौट रहे 3 युवकों पर ताबड़तोड़ फायरिंग, दो ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ा

हरियाणा में जिम से घर लौट रहे 3 युवकों पर ताबड़तोड़ फायरिंग, दो ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ा

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रादौर थाना क्षेत्र के गांव खेड़ी लक्खासिंह में वीरवार की सुबह सवा आठ बजे जिम के बाहर बाइक पर आए नकाबपाश बदमाशों ने शराब ठेकेदारों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।

जिसमें उत्तर प्रदेश के जिला शामली के गांव मखमूलपुर निवासी 35 वर्षीय पंकज मलिक, गोलनी निवासी 32 वर्षीय वीरेंद्र राणा की मौत हो गई, जबकि उन्हेडी निवासी 34 वर्षीय अर्जुन गंभीर रूप से घायल हो गया। 50 से अधिक राउंड फायरिंग हुई है।

गैंगवार से जोड़कर देखा जा रहा मामला

घटनास्थल पर कुछ कारतूस व अन्य खोखे बरामद हुए हैं। घायल अर्जुन ने गत वर्ष शराब ठेके पर फायरिंग को लेकर गैंगस्टर काला राणा गैंग पर केस दर्ज कराया था। इस हमले को गैंगवार से जोड़कर देखा जा रहा है। पोस्टमार्टम में सामने आया कि वीरेंद्र को सात गोलियां लगी हैं। जिसमें से छह गोलियां ट्रेस हो गई है। पंकज मलिक का पोस्टमार्टम शुक्रवार को होगा।

उधर, एसपी राजीव देशवाल का कहना है कि प्रारंभिक जांच में मामला आपसी रंजिश का लग रहा है। शराब ठेकों को लेकर रंजिश सामने आ रही है। अभी जांच चल रही है। पुलिस सभी एंगल खंगाल रही है।

जिम करने आए थे तीनों युवक

बता दें कि सुबह वीरेंद्र राणा, अर्जुन व पंकज मलिक कार से द पावर जिम में आए थे। यहां से जिम करके जब वह बाहर निकले तभी उन पर नकाबपाश बदमाशों ने फायरिंग करना शुरू कर दिया। सबसे पहले गोली वीरेंद्र को लगी। वह सड़क पर ही गिर पड़ा। जिसके बाद एक बदमाश ने उस पर गोलियां चलाई। इतने में अर्जुन व पंकज मलिक बचकर भागने लगे। अर्जुन एक अस्पताल में घुसा, जबकि पंकज जिम की तरफ भागा। बदमाशों ने पीछा कर उन्हें भी गोलियां मारी।

वारदात को अंजाम देकर बदमाश भाग निकले। तीनों को आसपास के लोगों ने अस्पताल में दाखिल कराया। जहां पर वीरेंद्र व पंकज को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि अर्जुन की हालत गंभीर के कारण चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया गया।

मृतक वीरेंद्र राणा

वारदात से पहले हुई रेकी

जिस तरह से घात लगाकर यह हमला किया गया है। उससे साफ है कि बदमाशों ने पहले रेकी की हुई थी। पुलिस को सीसीटीवी फुटेज भी मिला है। जिसमें बदमाश फायरिंग कर रहे हैं और मृतक बचकर भागते दिख रहे हैं। सीसीटीवी में दिख रहा है कि बदमाशों ने दो-दो बार पिस्टल भी बदली। जिस प्रकार से वारदात हुई। उससे साफ है कि रंजिशन या गैंगवार में यह हमला किया गया, क्योंकि मृतक पंकज मलिक पर पहले भी हत्या, हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट व झगड़ों के 16 केस दर्ज हुए थे।

हालांकि, इनमें से 14 में वह बरी हो चुका है। अब वह शराब ठेकेदारी ही कर रहा था। उसके साथ अर्जुन व वीरेंद्र भी शराब ठेकेदारी करते थे। उनके पास हरनौल का शराब ठेका है। पुलिस के मुताबिक अर्जुन पर लड़ाई झगड़े व आर्म्स एक्ट के आठ केस दर्ज हैं। सात घंटे लगे पोस्टमार्टम में, एक का ही हो सका पोस्टमार्टम डॉ. निशा व डॉ. वरूण ने किया।

मृतक पंकज मलिक

पोस्टमार्टम डेढ़ बजे शुरू कर दिया गया था। शाम साढ़े छह बजे तक एक ही पोस्टमार्टम हो सका, क्योंकि पोस्टमार्टम के दौरान शरीर से गोलियां भी तलाशनी थी। जिस वजह से समय अधिक लगा। इससे पूर्व एक्सरे कराया गया। जिसके चलते मृतक वीरेंद्र का ही पोस्टमार्टम हो सका। पंकज मलिक का पोस्टमार्टम शुक्रवार को होगा। हालांकि, उसके एक्सरे में आठ गोली दिख रही है।