एक शख्स की गलती से जिंदा जले 70 लोग, 11 मौत-50 गाड़ियां खाक

एक शख्स की गलती से जिंदा जले 70 लोग, 11 मौत-50 गाड़ियां खाक

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अजमेर हाईवे पर शुक्रवार सुबह हुए भयंकर अग्निकांड ने पूरे इलाके को दहला दिया। भांकरोटा के पास एलपीजी गैस से भरे टैंकर और एक ट्रक की टक्कर के बाद आग ने विकराल रूप धारण कर लिया।

टैंकर को पीछे से ट्रक ने टक्कर मारी तो टैंकर का वाल्व लीक हो गया और उसमें से गैस निकलने लगी । उसके बाद धमाके होने शुरू हो गए और लाश बिछती चली गई। धमाके के बाद टैंकर से रिसी गैस ने 800 मीटर तक का इलाका आग की चपेट में ले लिया। हादसे में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 42 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। एसएमएस अस्पताल में घायलों का इलाज चल रहा है।

हादसे का खौफनाक मंजर

हादसे के बाद का मंजर इतना भयावह था कि जिसने भी देखा, वह स्तब्ध रह गया। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि आसपास खड़ी दर्जनभर गाड़ियां जलकर राख हो गईं। घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। कोई जान बचाने के लिए भाग रहा था, तो कोई मदद की गुहार लगा रहा था। रेस्क्यू ऑपरेशन तेज गति से शुरू किया गया, जिससे बड़ा नुकसान टल गया।

कैसे हुआ हादसा?

जानकारी के अनुसार, अजमेर से जयपुर की ओर आ रहा एलपीजी टैंकर डीपीएस स्कूल के पास यू-टर्न ले रहा था। तभी दूसरी ओर से आ रहे ट्रक ने उसमें जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि टैंकर में तुरंत धमाका हुआ और आग फैल गई। पास में खड़े ट्रक में माचिस के पैकेट रखे हुए थे, जिन्हें समय रहते सुरक्षित हटा दिया गया।

अग्निकांड के बाद उठे ये सवाल

इस घटना ने सुरक्षा उपायों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं:

  • 1. ज्वलनशील गैस टैंकरों के लिए अलग लेन की व्यवस्था क्यों नहीं है?
  • 2. यू-टर्न के पास साइन बोर्ड और स्पीड ब्रेकर क्यों नहीं थे?
  • 3. ट्रैफिक लाइट खराब क्यों थी?

रेस्क्यू ऑपरेशन और प्रशासन की कार्रवाई

रेस्क्यू ऑपरेशन में घंटों लग गए, लेकिन गनीमत यह रही कि पेट्रोल पंप और सीएनजी स्टेशन तक आग नहीं पहुंची। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। यह घटना लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी का नतीजा है। प्रशासन से उम्मीद है कि वह इस हादसे से सबक लेकर भविष्य में ऐसे कदम उठाएगा जिससे ऐसे हादसे दोबारा न हों।