Raibareli-प्रोबेशन अधिकारी बोले, जो बताऊंगा वही मानेंगी डीएम

Raibareli-प्रोबेशन अधिकारी बोले, जो बताऊंगा वही मानेंगी डीएम

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रिपोर्ट-केशवानंद शुक्ला
मो. 73093 36397

रेप पीड़िता के फर्जी खाते से हड़पी गई रकम पर डीपीओ ने डीएम से बोला झूठ

2021 में प्रोबेशन विभाग से स्वीकृत हुई थी रेप पीड़िता की सहायता राशि, जांच में हुई पुष्टि

रायबरेली-रेप पीड़िता के फर्जी खाते से हड़पी गई सहायता राशि के मामले में भ्रष्टाचार के आरोपी जिला प्रोबेशन अधिकारी खुद को और अपने कमाऊ पूत को बचाने में जुटे हुए हैं। यही नहीं डीपीओ जयलपाल वर्मा जिलाधिकारी को भी गुमराह कर रहे हैं। अपनी सफाई में उन्होंने डीएम से यहां तक कह दिया कि उनके विभाग से कोई पैसा कथित खाते में नहीं भेजा गया है। बाद में जब पत्रावलियों का परीक्षण हुआ तो पता चला कि यह रकम उनके विभाग से रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान योजना के तहत भेजी गई थी। खाते से निकाले गए रुपयों में अपना हिस्सा लेने के बाद भ्रष्ट मातहतों को बचाने की नैतिक जिम्मेदारी में जुटे प्रोबेशन अधिकारी का दावा है कि वह जो चाहेंगे डीएम वही करेंगी। यह पहली बार नहीं है उन्होंने तमाम लोगों से अपने इस दावे को पुख्ता किया।

जिला प्रोबेशन कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार पूरे प्रदेश में सुर्खियां बटोर रहा है। रेप पीड़िताओं को मिलने वाली सहायता राशि को हड़पने का शर्मनाक खेल जारी है। जिला प्रोबेशन अधिकारी इस पूरे साफ इंकार कर दिया। वह मामले को दबाने और भ्रष्टाचारियों को बचाने में जुटे हुए हैं। शुक्रवार की सुबह डीएम माला श्रीवास्तव को सफाई देने पहुंचे जयपाल वर्मा ने विभाग से कोई भी धन भेजे जाने से इंकार कर दिया। डीएम से झूठ बोलने के बाद तमाम लोगों से श्री वर्मा ने कहा कि 'इसमें कुछ नहीं होगा मैंने मैडम को समझा दिया है'। मैडम ने क्या समझा ? यह तो जांच रिपोर्ट के बाद उनके द्वारा की गई कार्यवाही से पता चलेगा, लेकिन जिलाधिकारी की बदनामी करा रहे डीपीओ की बदजबानी जारी है।  एसडीएम न्यायिक राजेन्द्र कुमार शुक्ला ने पत्र भेज कर पटल से जुड़े लोगों को प्रोबेशन अधिकारी और फाइल के साथ बुलाया था। फाइल देखने के बाद पता चला कि रेप पीड़िता को भेजी जाने वाली धनराशि की स्वीकृति फरवरी 2021 में समिति ने दी थी। आरोपी राजेश श्रीवास्तव ने भी घटना की संलिप्तता से पत्रावली के जरूरी कागजात छायाप्रति कराकर ले लिए हैं। फिलहाल भ्रष्टाचार के इस खेल में  प्रोबेशन अधिकारी, राजेश श्रीवास्तव के अलावां एक महिला कर्मचारी और विभाग के बाबू के शामिल होने की पूरी आशंका है।
इतना बड़ा भ्रष्टाचार करने के बाद भी आरोपियों को कोई पश्चाताप नहीं है।