पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल की जमानत ख़ारिज, हाईकोर्ट ने आपराधिक इतिहास एक क्लिक पर उपलब्ध कराने के दिए निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य के प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है, ताकि किसी आरोपी का आपराधिक इतिहास एक क्लिक (Stroke) में उपलब्ध हो सके। न्यायालय ने अधिकारियों से निर्देश/जवाब/शपथपत्र के माध्यम से या अन्यथा अभियुक्त के पूरे आपराधिक इतिहास का खुलासा करने के लिए अदालत में जवाब देने वाले व्यक्ति की जिम्मेदारी तय करने के लिए भी कहा।
अदालत ने टिप्पणी की कि वर्तमान डिजिटल युग में जहां अब सब कुछ संभव है और एक बटन के प्रेस या माउस के एक क्लिक के साथ सबकुछ उपलब्ध है। यह नहीं कहा जा सकता कि किसी व्यक्ति का आपराधिक इतिहास न्यायालयों को रिपोर्ट करने के लिए पुलिस एजेंसी के पोर्टल के माध्यम से तत्काल एकत्र नहीं किया जा सकता। यदि यह अपडेट नहीं है या एक्टिव नहीं है तो यह चिंता का विषय है।”
जस्टिस समित गोपाल की खंडपीठ ने यह आदेश पूर्व सांसद बाल बाल कुमार पटेल उर्फ राज कुमार को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए दिया, जो एक धोखाधड़ी के मामले में मारे गए डकैत ददुआ का भाई है। गौरतलब है कि सुनवाई के दौरान अदालत ने अभियुक्त के आपराधिक रिकॉर्ड के संबंध में जवाबी हलफनामा दाखिल करने में विसंगतियों को नोट किया। यूपी राज्य की ओर से सब-इंस्पेक्टर ब्रह्मदेव गोस्वामी द्वारा दायर एक जवाबी हलफनामे में यह उल्लेख किया गया था कि उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। हालांकि सब-इंस्पेक्टर द्वारा दायर जवाबी हलफनामे के जवाब में पहले शिकायतकर्ता के वकील ने आपत्ति की और अदालत को अवगत कराया कि आरोपी का वास्तव में 11अपराधों का इतिहास है।



